कुख्यात अपराधी अनिल तांती ने किया सरेंडर, 13 सालों से था फरार

जमुई जिले के कुख्यात अपराधी और शहर के कल्याणपुर निवासी अनिल तांती ने बुधवार को जमुई थाने में आत्मसमर्पण कर दिया। कुख्यात पर ईंट भट्ठा के संचालक से रंगदारी मांगने, बमबाजी करने सहित दर्जनों मामले दर्ज हैं। इसमें शहर के पुरानी बाजार के ईंट भट्ठा के मालिक के घर पर बमबारी, ईंट भट्ठा पर बमबारी, शहर के कल्याणपुर स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज के समीप बमबारी, डॉ अंजनी सिन्हा के घर पर बमबारी, शहर के महिसौड़ी स्थित ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल के समीप श्रवण तांती के साथ मिलकर बमबारी करने सहित रंगदारी मांगने के अन्य मामले शामिल हैं।

तांती पिछले 13 वर्षों से फरार चल रहा था। 2007 से अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले अनिल तांती ने कुख्यात अपराधी के रूप में अपनी पहचान बना ली थी। वह 2008 से पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार चल रहा था। आत्मसमर्पण करने के पूर्व कुख्यात अपने घर से अपने परिवार वाले और मोहल्ले के दो दर्जन से अधिक लोगों के साथ पैदल बाजार से चलते हुए सदर थाना पहुंचा। इस दौरान स्थानीय लोग उसके साथ चलते हुए पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे।

तांती ने थाने पहुंचने के बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि वह यहां सरेंडर करने आया है। उसने कहा कि एनकाउंटर के डर से उसने आत्मसमर्पण किया है। तांती ने जिस तरह से सरेंडर किया, वो चर्चा का विषय बन गया है। बहुत से लोगों का कहना है कि तांती को इस तरह से सरेंडर करने की अनुमति देने के बजाय पुलिस को उसे दबोच लेना चाहिए था। उसपर 2009 में जमुई कोर्ट लॉकअप से 11 कैदियों को भगाने की साजिश रचने का भी आरोप है।

एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा, ‘असामाजिक तत्वों का ऐसा चित्रण गलत संदेश देता है और पुलिस की खेदजनक तस्वीर पेश करता है। ऐसा लग रहा था जैसे तांती ने समाज की कोई बड़ी सेवा की हो।’ तांती जिसे 2007 में जेल से रिहा किया गया था, उसने बताया कि वह परिवार के साथ 13 साल तक बंगाल में रहा और वहां मजदूर की तरह काम किया। 

तांती ने बताया कि हाल में पुलिस ने मेरे परिवार के सदस्यों पर दबाव बनाना शुरू किया और पिता और भाई को पूछताछ के लिए उठा लिया, जिससे परिवार को परेशानियां होने लगी। इससे मेरे सामने सरेंडर करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था। जमुई थाना प्रभारी चंदन कुमार ने कहा कि पुलिस ने अपराध के दो मामलों में संपत्ति कुर्क करने के लिए उसके घर पर नोटिस चस्पा किया था।