डायबिटीज का लक्षण हो सकता है बार-बार टॉयलेट आना, इस तरह करें कंट्रोल

अगर आपका वजन तेजी से बढ़ रहा है, दिनभर आपको भूख लगती रहती है. कितना भी खा लो पेट नहीं भरता, तो ये डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं. शरीर में ब्लड शुगर बढ़ने पर ऐसी परेशानी होने लगती है. ऐसे में वजन घटाने के लिए आपको वर्कआउट के साथ-साथ अपने शुगर लेवल का चेकअप भी करवा लेना चाहिए. मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसे सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है.

एक बार डायबिटीज होने पर आपको पूरी जिंदगी सतर्क रहने की जरूरत होती है. डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आपको अपने खाने-पीने और लाइफस्टाइल का बहुत ध्यान रखने की जरूरत होती है. अगर आपने ध्यान नहीं दिया तो शुगर लेवल बढ़ सकता है. डायबिटीज के मरीज को अपना वजन कंट्रोल करने की भी बहुत जरूरत होती है. डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आप आयुर्वेदिक दवाओं और घरेलू नुस्खों को भी अपना सकते हैं. 

डायबिटीज़ के लक्षण

सबसे पहले आप ये जान लें कि डायबिटीज के लक्षण क्या होते हैं. टाइप-1 डायबिटीज होने पर लक्षण बहुत तेजी से दिखते हैं, वहीं टाइप-2 डायबिटीज में शुरुआत में काफी कम लक्षण नजर आते हैं. ये हैं टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के शुरुआती लक्षण हैं.

⦁ चिड़चिड़ापन
⦁ आंखों में धुंधलापन
⦁ घाव का देरी से भरना
⦁ स्किन इंफेक्शन
⦁ बहुत प्यास लगना
⦁ बार-बार टॉयलेट आना
⦁ बहुत भूख लगना
⦁ वजन बढ़ना या कम होना
⦁ थकान
⦁ ओरल इंफेक्शन्स
⦁ वजाइनल इंफेक्शन्स

डायबिटीज के आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय

1- जामुन के बीज- डायबिटीज के आयुर्वेदिक इलाज में जामुन के बीजों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस लें. इसका चूर्ण बना लें. अब इसे सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें. इससे डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. 

2- अंजीर के पत्ते- अंजीर के पत्तों को खाली पेट चबाने या पानी में उबाल कर पीने से मधुमेह कंट्रोल रहता है. अंजीर के पत्तों में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं, जिससे ब्लड शुगर का लेवल कम करने में मदद मिलती है. 

3- मेथी- मधुमेह के रोगियों के लिए मेथी बहुत फायदेमंद मानी जाती है. मेथी के बीज खाने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है. इसके लिए आपको एक चम्मच मेथी के बीज को रात भर एक ग्लास पानी में भिगोकर रखना है. सुबह खाली पेट बीज समेत पानी को पी लें. आपको इसके आधे घंटे तक कोई दूसरी चीज नहीं खानी है. 

4- जैतून का तेल- जैतून के तेल का उपयोग करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है. इससे ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल को कम करने में मदद मिलती है. जैतून के तेल से ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहता है. लंबे समय तक जैतून के तेल का उपयोग करने से हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा भी कम रहता है.

5- लहसुन- लहसुन को आयुर्वेद में काफी इस्तेमाल किया जाता है. सभी के घरों में खाने में लहसुन का इस्तेमाल किया जाता है. लहसुन के सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम करने और मधुमेह को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. इसके लिए रातभर लहसुन की 2-3 कलियों को पानी में भिगो दें. सुबह खाली पेट इन्हें चबाकर खा लें.