जानिए क्यों क्‍वाड की चौथी बैठक होने वाली है बेहद खास,चीन समेत कई मुद्दों पर होगी चर्चा 

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर क्‍वाड की बैठक में हिस्‍सा लेने आस्‍ट्रेलिया पहुंचे हुए हैं। इस दौरान उनकी आस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्‍काट मारिसन, आस्‍ट्रेलिया के विदेश मंत्री मेरिस पायने, जापान के विदेश मंत्री योशिमाशा हयाशी और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात होगी। क्‍वाड की चौथी बैठक से पहले सभी का एक फोटो सेशन भी हुआ है। 

एस जयशंकर ने इस दौरान हुई बैठक में कहा कि सितंबर में आस्‍ट्रेलिया के पीएम और भारत के पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने एक क्‍वाड को लेकर अपना एक विजन साझा किया था। उन्‍होंने अन्‍य सदस्‍यों को इस बात के प्रति आश्‍वस्‍त किया कि हम सभी सदस्‍य उस पर काम कर रहे हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि वो इस बात की उम्‍मीद रखते हैं कि आज हो रही बैठक में विकल्‍पों पर ध्‍यान दिया जाएगा कि हम इसमें कहां तक आगे बढ़े हैं।  

इस बैठक से दो दिन पहले ही चीन ने इसको लेकर सहयोगी देशों को जमकर कोसा है। चीन का आरोप है कि इसके सहयोगी देश क्षेत्रीय देशों के बीच खाई बनाना चाहते हैं। चीन की तरफ से यहां तक कहा गया है कि ये गठबंधन दरअसल उसके पड़ोसी देशों के बीच टकराव पैदा करने के लिए बनाया गया है। अमेरिका को आड़े हाथों लेते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता का कहना था कि वो लोकतांत्रिक मूल्यों के नाम पर एक रेखा खींच कर उनके खिलाफ छोटे-छोटे दल या गठबंधन बना रहे हैं।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने  बेहद स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा कि वो इस तरह के किसी भी गठबंधन के खिलाफ है। उन्‍होंने ये भी कहा कि शीत युद्ध की मानसिकता को त्‍यागना ही बेहतर है। साथ ही अमेरिका को ऐसी कोशिशें नहीं करनी चाहिए जिससे उनके पड़ोसी देशों के बीच किसी भी तरह की दरार बने और तनाव का कारण बने। चीन का कहना है कि अमेरिका को शांति और स्थिरता के लिए काम करना चाहिए।