पत्थर के अंदर हजार सालों से कैद था ‘राक्षस’, टूटते ही हुआ चौंकाने वाला खुलासा

कभी-कभी हम कहानी-किस्सों में सुनते हैं कि हजारों साल पहले इस पृथ्वी पर राक्षस भी मौजूद थे, लेकिन आज के दौर में इस पर कोई भी विश्वास नहीं करता. हालांकि, पौराणिक कथाओं में अक्सर ऐसा सुनने को मिलता है. कुछ ऐसा ही एक मामला जापान से सामने आया है. एक प्राचीन जापानी शिलाखंड में हजार साल पहले दानव के कैद होने का दावा किया जाता था. अब वह रहस्यमयी तरीके से दो भागों में विभाजित हो गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि शैतानी ताकतों की वजह से ऐसा हुआ.

मान्यता है कि इस चट्टान में है बुरी आत्मा

डेली स्टार की खबर के मुताबिक, सेशो-सेकी उर्फ द किलिंग स्टोन एक ज्वालामुखी चट्टान है. माना जाता है कि इस चट्टान में एक बुरी आत्मा है और सेंट्रल जापान में एक सक्रिय ज्वालामुखी पर बैठती है. यह जगह टोक्यो से ज्यादा दूर नहीं है. जापानी पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि पत्थर के भीतर एक बुरी आत्मा ने वास लिया है और यह इतना शक्तिशाली है कि जो भी इसके संपर्क में आता है उसे मार देता है.

दो भागों में बंट गया पत्थर तो लोगों ने कहा ऐसा

5 मार्च को पत्थर के दो भागों में बंट जाने के बाद, जापानी स्थानीय लोगों और ऑनलाइन यूजर्स ने इस बात पर चिंता जताई कि पत्थर से लगातार जहरीली गैस निकल रही है. कहा जाता है कि किलिंग स्टोन में तमामो-नो-माई की लाश थी, जो एक खूबसूरत महिला के रूप में दिखाई देती थी, लेकिन बाद में नौ पूंछ वाली लोमड़ी के रूप में सामने आई.

ज्वालामुखी के पत्थर ने लोगों को हैरानी में डाला

जापानी पौराणिक कथाओं से पता चलता है कि तमामो-नो-माई एक शक्तिशाली जापानी सामंती प्रभु के लिए काम कर रहा था, जो 1100 के दशक में सम्राट टोबा को उखाड़ फेंकने और मारने की साजिश रच रहा था. पत्थर टूटने की खबर के प्रकाश में आने के बाद, लोगों ने अपनी चिंताओं और सिद्धांतों को साझा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. एक व्यक्ति ने लिखा, ‘यह बहुत डरावना है, हमें और अधिक अंधेरे की आवश्यकता नहीं है.’