मौसेरे भाइयों के लिए मोबाइल गेम बना काल, बुझ गए दो घरों के इकलौते चिराग

चकेरी में दो मौसेरे भाइयों के लिए मोबाइल गेम काल बन गया। शुक्रवार की शाम दोनों के कदम रेलवे ट्रैक पर थे और हाथ में मोबाइल फोन था। इस बीच अचानक ट्रेन आने से चपेट में आए दोनों भाइयों की जान चली गई और दो परिवारों के इकलौते चिराग बुझ गए। घटना के बाद चर्चा रही कि दोनों मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलने के आदी थे और हादसे के समय भी संभव मोबाइल पर गेम ही खेल रहे थे। चकेरी पुलिस की सूचना पर घरवाले पहुंचे तो कोहराम मच गया। 

चकेरी गांव निवासी मजदूर रामदेव कुरील का 15 वर्षीय बेटा आर्यन आठवीं का छात्र था, उसके परिवार में पत्नी मीरा और छोटी बेटी मीठी है। स्वजन ने बताया कि रामदेव की पत्नी की बड़ी बहन सुमन भी परिवार के साथ पड़ोस में ही रहती है। पति की मौत होने के बाद से वह मजदूरी करके 16 वर्षीय बेटे अंशू और दो बेटियों का पालन पोषण कर रही थी। अंशू 10वीं का छात्र था। शुक्रवार शाम करीब सात बजे अंशू और आर्यन घर के पास स्थित रेलवे ट्रैक पार करके शौच करने गए थे। वहां से लौटते वक्त वह दोनों ट्रैक के बीच से आ रहे थे। तभी अचानक ट्रेन आने से दोनों की कटकर मौत हो गई। अहिरवां चौकी प्रभारी तरुणराज पांडेय ने बताया कि ट्रेन की चपेट में आने से दो मौसेरे भाइयों की मौत हुई है।

गेम खेलते वक्त ट्रेन की चपेट में आने की चर्चा : हादसे की ग्रामीणों में चर्चा रही कि अंशू के पास एंड्रायड फोन था। जिसमें दोनों फ्री फायर या पबजी जैसे गेम खेला करते थे। हादसे के वक्त भी दोनों मोबाइल देखते हुए रेलवे ट्रैक पर चलते आ रहे थे। इस दौरान ट्रैक पर आ रही ट्रेन ने हार्न भी बजाया लेकिन उनके कानों में ईयरफोन लगा होने के कारण सुन नहीं पाए। इससे ट्रेन की चपेट में आकर उनकी मौत हो गई। संभव है कि वे मोबाइल फोन पर फ्री फायर गेम खेल रहे थे।

दोनों परिवारों में मचा कोहराम : स्वजन ने बताया कि दोनों किशोर अपने-अपने घरों के एकलौते बेटे थे। हादसे में दोनों की मौत की सूचना पर घर में कोहराम मच गया।