विशेष ट्रेन से भारत दर्शन करना हुआ महंगा, जाने कितना बढ़ा किराया

इस बार की गर्मी की छुट्टियों में परिवार के साथ अगर आप भारत दर्शन की योजना बना रहे हैं और आपको घूमने-फिरने का शौक है तो यह खबर आपके लिए ही है। अगर आप ट्रेन से यात्रा करने वाले हैं खासकर आइआरसीटीसी की विशेष ट्रेन से भारत दर्शन का विचार आपके मन में है तो जरूर यह जानकारी रखें, क्योंकि भारत दर्शन की जगह आइआरसीटीसी अब स्वदेश दर्शन के नाम पर विशेष ट्रेन चलाएगा। हालांकि इस ट्रेन का किराया हजारों रुपये बढ़ा दिया गया है।

आइआरसीटीसी की विशेष ट्रेन 28 अप्रैल को प्रयागराज होकर जाएगी

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन यानी आइआरसीटीसी अपने यात्रियों को लगातार भारत दर्शन के लिए धार्मिक यात्रा कराता है। इसके लिए वह विशेष ट्रेन चलाता है। ऐसी ही एक ट्रेन 28 अप्रैल को प्रयागराज संगम स्टेशन से दक्षिण भारत यात्रा के लिए गुजरेगी। इस विशेष ट्रेन में सुविधाओं के साथ किराया भी काफी सीमित रहता है। हालांकि अब इस ट्रेन का किराया बढ़ा दिया गया है।

कितना हुआ किराया

भारत दर्शन ट्रेन अपनी सुविधाओं और नियमित तौर पर यात्रियों के लिए चलाए जाने के कारण प्रसिद्ध हो गई थी। अलग-अलग रूटों पर इसके संचालन ने पूरे देश का भ्रमण करने वाले लोगों ने लिए एक बेहतर विकल्प खोल दिया था। खासकर धार्मिक स्थल की यात्रा करने वालों के लिए मौजूदा समय में इस ट्रेन का किराया 20440 रुपये प्रति व्‍यक्ति कर दिया गया है, जबकि पूर्व में भारत दर्शन के लिए जाने वाली इसी ट्रेन का किराया 12150 रुपये था।

एक अप्रैल से किराया बढ़ा

आइआरसीटीसी के प्रवक्ता आनंद कुमार ने बताया कि 1 अप्रैल से नियमों में बदलाव हुआ है। पहले भारत दर्शन के लिए जो ट्रेन चलाई जाती थी उसके लिए रेलवे की ओर से यात्रियों को सब्सिडी दी जाती थी, जिससे उनका किराया काफी कम हो जाता था। 1 अप्रैल से या सब्सिडी बंद कर दी गई है, जिसके कारण किराया बढ़ गया है।

आरआरसीटीसी की ट्रेन अब भारत दर्शन नहीं, स्‍वदेश दर्शन है

आइआरसीटीसी ने इस ट्रेन का नाम भी अब बदल दिया गया है। पहले यह भारत दर्शन के नाम से चलती थी। अब इस ट्रेन को स्वदेश दर्शन के नाम से चलाई जा रही है। 28 अप्रैल को जो ट्रेन प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन के रास्ते दक्षिण भारत दर्शन के लिए जाएगी इसका किराया भी इसी कारण बढ़ गया है। मौजूदा समय में किराए में लगभग 8000 हजार रुपये का अंतर आ गया है। यह अंतर तभी कम किया जा सकता है, जब रेलवे की ओर से पुनः प्रति यात्री सब्सिडी दी जाए।