नींबू की बढ़ी हुई कीमतों से सिर्फ ग्राहक ही नहीं बल्कि दुकानदार भी हैं प्रभावित, जानिए वजह

Lemon Price Rise: देश के ज्यातार शहरों में इन दिनों सब्जियों की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है. इस सबके बीच नींबू की कीमत (Lemon Inflation) ने सबका ध्यान खींचा है. नींबू के दाम 350-400 रुपये प्रति किलोग्राम तक चढ़ गए हैं. नींबू की बढ़ी हुई कीमतों से सिर्फ ग्राहक ही नहीं बल्कि दुकानदार भी प्रभावित हैं. लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ कि नींबू की कीमतें अचानक आसमान छूने लगीं. आइए बताते हैं.

इसलिए महंगा हो रहा है नींबू

नींबू की देशभर में किल्लत हो गई है. सबसे बड़ी वजह यह है कि देश के जिन हिस्सों में नींबू का उत्पादन व्यापक स्तर पर होता है, वहां भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी की मार की वजह से नींबू उत्पादन प्रभावित हुआ है. नींबू के फल शुरुआती दिनों में ही तबाह हो जा रहे हैं जिसकी वजह से उत्पादन पर बड़ा असर पड़ रहा है. तेज हवाओं और गर्मी की वजह से नींबू के फूल गिर जा रहे हैं जिसकी वजह से उत्पादन प्रभावित हो रहा है. यह भी एक बड़ा कारण है.

गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे इलाकों में नींबू की खेती बड़े स्तर पर होती है. इन इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी की वजह से उत्पादन प्रभावित हुआ है. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से ट्रांसपोर्ट चार्ज बढ़ गया है. एक तो नींबू की किल्लत और दूसरी ओर बढ़ा हुआ ट्रांसपोर्टेशन चार्ज, दोनों ही महंगाई के लिए जिम्मेदार हैं.

पेट्रोल डीजल की बढ़ते दाम

बताया जा रहा है कि इस बार फसल कम होने के साथ ही आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से आने वाले नींबू की महंगाई के लिए डीजल के भाव भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं. डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से माल भाड़े में भी 15% की बढ़ोतरी हो गई है. इससे नींबू की कीमत पर दोगुना असर हुआ है.

शादियों के सीजन में ज्यादा है डिमांड

शादियों के सीजन की शुरुआत भी हो चुकी है. ऐसे में फंक्शन के लिए नींबू की डिमांड और बढ़ गई है. उत्पादन कम है और डिमांड ज्यादा इस वजह से भी नींबू के दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. गर्मी के दिनों में वैसे भी गन्ने के रस से लेकर नींबू पानी तक, हर जगह नींबू की जरूरत पड़ती है. ऐसे में इन दिनों पहले भी नींबू के दाम बढ़े हैं. 

नवरात्र और रमजान में खपत ज्यादा 

इस समय नवरात्र चल रहे हैं और रमजान का महीना है. व्रत और रोजे के दौरान भी नींबू का इस्तेमाल ज्यादा होता है. इस समय उत्पादन कम है और डिमांड ज्यादा है.

गुजरात में चक्रवात भी है एक कारण

कई व्यापारियों का कहना है कि गुजरात में चक्रवात के बाद के प्रभावों के कारण नींबू का उत्पादन घट गया है जिससे कीमतें बढ़ रही हैं. फिलहाल नींबू की कीमतों में कमी आती नहीं नजर नहीं आ रही है. आने वाले दिनों में नींबू और भी महंगा हो सकता है.