यूपी- डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा, कीटनाशक छिड़कने को केंद्र से माँगा मिट्टी का तेल

यूपी में डेंगू के मरीजो की संख्‍या और तेज बुखार के चलते मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। लखनऊ, मेरठ, बाराबंकी, अलीगढ़, बरेली, कानपुर, फतेहपुर ज‍िलों के सरकारी और प्राइवेट अस्‍पतालों में डेंगू और बुखार के मरीज भरे पड़े हैं। वहीं यूपी सरकार के पास डेंगू का मच्छर मारने के लिए कीटनाशक छिड़कने को मिट्टी का तेल उपलब्‍ध नहीं है।

मिट्टी का तेल न होने के कारण नहीं हो रहा कीटनाशक का छ‍िड़काव

  • यूपी में डेंगू फैलाने वाले मच्छर एडीज एजिप्टी को मारने के लिए कीटनाशक छिड़कने को केंद्र से 55 हजार लीटर मिट्टी का तेल मांगा गया है।
  • एक लीटर पैराथम कीटनाशक में 19 लीटर मिट्टी का तेल मिलाकर छिड़काव किया जाता है। मिट्टी का तेल न होने के कारण छिड़काव नहीं हो पा रहा था।
  • दैनिक जागरण ने 12 नवंबर, 2022 को पेज छह पर “नहीं मिल रहा तेल, डेंगू से जंग हो रही फेल” शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। उसके बाद अब मिट्टी का तेल मांगने के लिए पत्र लिखा गया है।
  • खाद्य एवं रसद विभाग के विशेष सचिव दिव्य प्रकाश गिरि की ओर से पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को पत्र लिखकर 55 हजार लीटर मिट्टी का तेल उपलब्ध कराने की मांग की है।
  • बीते 22 अप्रैल 2022 को ही सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रविन्द्र की ओर से खाद्य एवं रसद विभाग को पत्र लिखकर 50 हजार लीटर मिट्टी का तेल उपलब्ध कराने की मांग की गई थी।
  • पैराथम कीटनाशक स्वास्थ्य विभाग ने खरीद लिया था लेकिन मिट्टी का तेल न मिलने से घरों में इसका छिड़काव नहीं हो पा रहा है। दरअसल डेंगू मरीज मिलने पर उसके आसपास के 50 घरों में पैराथम कीटनाशक का छिड़काव मच्छर मारने के लिए किया जाता है।

डेंगू मरीजों से कई ज‍िलों में भरे सरकारी और प्राइवेट अस्‍पताल

लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, मेरठ और अलीगढ़ सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में डेंगू के मामलों की संख्या में वृद्धि का संज्ञान लेते हुए राज्य प्रशासन ने जिला अधिकारियों को जिला अस्पतालों में डेंगू वार्ड बनाने का निर्देश दिया था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि महामारी के दौरान इन्हें पहले कोविड अस्पतालों के रूप में अधिसूचित किया गया था। अब इन वार्डों में डेंगू के मरीजों का इलाज क‍िया जाएगा।

मेरठ में नहीं थम रहा डेंगू का कहर

मेरठ जिले में डेंगू के मरीज मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। बुधवार को पांच और नए मरीज मिले हैं। वहीं, कोरोना का कोई मरीज नहीं मिला है। जिले में अब तक डेंगू के कुल 161 मरीज आ चुके हैं। इनमें 21 सक्रिय केस हैं। 11 अस्पताल में भर्ती है। जबकि 10 का घरों पर उपचार चल रहा है। वहीं, अब तक 140 मरीज ठीक हो चुके हैं।

तीन से चार दिन में ब‍िगड़ रही डेंगू संक्रमितों की हालत

कानपुर में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिल्हौर की एसडीम भी डेंगू वायरस के संक्रमण की चपेट में आ गईं। बुधवार को 59 मरीजों में डेंगू के संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिसमें 15 बच्चे हैं। देखने में आ रहा है कि तीन से चार दिन में डेंगू संक्रमितों हालत बिगड़ रही है। वहीं, सरकारी और निजी अस्पताल मिलाकर कुल 38 डेंगू संक्रमितों को भर्ती करके इलाज किया जा रहा है। उर्सला अस्पताल में डेंगू के 13 मरीज भर्ती हैं, जबकि बुखार के 26 मरीजों का इलाज चल रहा है। सीएमएस डा. शैलेंद्र तिवारी का कहना है कि डेंगू हेमरेजिक और डेंगू शाक के लक्षण वाले संक्रमित आने लगे हैं। एलएलआर अस्पताल में छह डेंगू के मरीज और 42 बुखार के मरीजों का इलाज चल रहा है।

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