यूक्रेन ने अपनाया आक्रामक रुख और 13 रूसी ड्रोन्स को मार गिराया

यूक्रेन में 10 महीने से चल रही लड़ाई अब तक खत्म नहीं हो सकी है। यही नहीं इस साल के आखिरी दौर में यह और तेज हो गई है। रूस ने यूक्रेन पर ड्रोन अटैक बढ़ा दिए हैं। इस बीच बुधवार को यूक्रेन ने भी आक्रामक रुख अपनाया और 13 रूसी ड्रोन्स को मार गिराया। ड्रोन वारफेयर में अब अमेरिका भी कूदता दिख रहा है, वह यूक्रेन को अपना अडवांस पैट्रियॉट एयर डिफेंस सिस्टम भेजने पर विचार कर रहा है। कीव के मेयर विटाली क्लिट्सको ने कहा कि रूसी ड्रोन अटैक्स के चलते शहर में कई जगहों पर धमाके सुने गए हैं। इन हमलों में कुछ प्रशासनिक इमारतों को नुकसान भी पहुंचा है। कीव में रहने वाले कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने ईरान के शाहेद ड्रोन्स की आवाज सुनी है। 

इनमें से रही एक ड्रोन ने एक इमारत की छत पर बम गिरा दिया। इसके चलते बिल्डिंग को नुकसान पहुंचा और आसपास की भी कुछ इमारतों की खिड़कियों के दरवाजे टूट गए। बता दें कि बीते करीब दो महीनों से रूस ने युद्ध के तरीके में बड़ा बदलाव किया है। वह अब युद्धक टैंकों और मिसाइलों के जरिए हमले नहीं कर रहा है। इसकी बजाय उसने ड्रोन्स के जरिए निश्चित टारगेट्स को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इससे रूस को नुकसान कम हुआ है, जबकि यूक्रेन के अहम ठिकानों को वह निशाना बनाने में सफल रहा है।

एक तरफ अमेरिका ने यूक्रेन को पैट्रियॉट एयर डिफेंस सिस्टम देने की बात कही है तो वहीं कई पश्चिमी देश उसे पहले ही मदद कर चुके हैं। इस बीच रूस ने भी साफ कहा है कि यदि अमेरिकी की ओर से एयर डिफेंस सिस्टम भेजा जाता है तो उसे निशाना बनाया जाएगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमीत्री पेस्कोव ने कहा कि अमेरिका यदि पैट्रि्यॉट सिस्टम भेजता है तो फिर हम उसे टारगेट करेंगे। यूक्रेन में ड्रोन अटैक करके रूस उसकी एयर डिफेंस सप्लाई को कमजोर करना चाहता है ताकि आसमानी जंग में वह मजबूत बना रहे सके। 

क्या क्रिसमस पर थम जाएगी जंग, क्या बोला रूस?

इस बात के कयास लग रहे थे कि क्रिसमस पर यूक्रेन की जंग थम सकती है। इस पर रूस का कहना है कि उसे ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पिछले दिनों रूस से अपील की थी कि वह यूक्रेन से क्रिसमस के मौके पर अपने सैनिकों की वापसी की शुरुआत करे और शांति की ओर लौटे। इस पर पेस्कोव ने कहा कि युद्ध रोकने का कोई प्रस्ताव कहीं से भी नहीं मिला है। यह मसला अजेंडे में ही नहीं है। 

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