मनोरंजन

‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाना सुन रो पड़ी थीं लता मंगेशकर, जानिए गाने से जुड़ा….

नई दिल्ली: ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाना जब भी बजता है तो कानों में मधुर धुन स्वर कोकिला लता मंगेशकर की घुलने लगती है. लता दीदी ने इस गाने को इस तरह से गाया कि हर भारतीय इस गाने को सुनकर उसमें खो जाता है. लेकिन क्या आपको पता है इस गाने को अपनी आवाज देने के लिए बरसों पहले लता मंगेशकर ने मना कर दिया था. लेकिन जब उन्होंने इस गाने को पहली बार सुना तो वो रोने लगी थीं. जानिए ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाने से जुड़ा लता दीदा का दिलचस्प किस्सा.

कवि प्रदीप ने लिखा ये गाना

‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाने को शब्द कवि प्रदीप ने दिए है. बहुत ही कम लोग इस बात को जानते होंगे कि कवि प्रदीप के दिमाग में इस गाने के बोल तब आए जब वो मुंबई माहीम बीच पर टहल रहे थे. उस वक्त उनके पास ना पेन था और ना ही कागज. ऐसे में उन्होंने पास से गुजर रहे अजनबी से पेन मांगा और सिगरेट के एल्यूमिनियम फॉयल पर लिखा. 

गाना गाने के लिए लता मंगेशकर ने कर दिया था मना

इस गाने को आवाज कवि प्रदीप लता मंगेशकर की ही दिलवाना चाहते थे. इन्होंने लता दीदी से बात भी कर ली थी. लेकिन किसी बात को लेकर लता मंगेशकर और कवि प्रदीप के बीच मतभेद हो गया था. जिसके बाद लता जी ने इस गाने को गाने से इनकार कर दिया. इसके बाद आशा भोंसले से इस गाने को गाने के लिए कहा गया. हालांकि प्रदीप इस गाने को लता दीदी की आवाज मिले इस पर अड़े हुए थे. काफी वक्त बाद इन्होंने लता दीदी को मनवाया और इस गाने को लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी.

गाना सुनकर रो पड़ी थीं लता दीदी

कहा जाता है कि जब इस गाने को लता मंगेशकर ने प्रदीप से सुना तो वो सुनकर रोने लगी थीं. इसके बाद उन्होंने इस गाने को गाने के लिए हां कर दिया था. लता जी ने उस वक्त एक शर्त रखी थी. उनका कहना था कि जब भी इस गाने का रिहर्सल होगा तो उन्हें वहां पर मौजूद रहना होगा. प्रदीप गायिका की इस बात को तुरंत मान गए.

Related Articles

Back to top button