बिहार में नेशनल हाईवे की सुस्त चाल पर HC हुआ नाराज, सरकार से कही यह बात
पटना हाईकोर्ट राज्य में बनने वाले हर राष्ट्रीय राजमार्ग की अपने स्तर से समीक्षा कर रहा है। मंगलवार को चार राष्ट्रीय राजमार्ग का समीक्षा की गई। 981 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मुंगेर-मिर्जा चौकी ग्रीन फील्ड कॉरिडोर एनएच 80 के लिए एनएचएआई को एक सप्ताह के भीतर जमीन अधिग्रहण के लिए पैसा जमा करने का आदेश पटना हाईकोर्ट ने दिया।
कोर्ट ने राज्य सरकार को हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा है कि कब से जमीन का अधिग्रहण होगा। साथ ही जमीन मुवावजे का भुगतान करने, अतिक्रमण हटाने तथा एनएचएआई को जमीन सौंपने के बारे में पूरी जानकारी देने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर एनएचएआई तथा राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने का आदेश दिया।
हाजीपुर मुजफ्फरपुर एनएच 77
इस मामले में वैशाली के डीएम की ओर से अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार तथा अधिवक्ता आलोक कुमार राही ने हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया कि रामाशीष चौक से अतिक्रमण पूरी तरह हटा दिया गया है। दुबारा अतिक्रमण नहीं हो सके इसके लिए एक बटालियन फोर्स की तैनाती भी कर दी गई है। उनका कहना था कि वहां की बसें तथा टेंपो स्टैंड को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए नगर परिषद ने दो-दो बार टेंडर प्रकाशित किया लेकिन एक करोड़ रुपये में कोई भी जमीन देने के लिए सामने नहीं आया। अब जमीन अधिग्रहण करने तथा सरकारी जमीन उपलब्ध कराने के लिए नगर विकास विभाग को पत्र भेजा गया है। कोर्ट ने इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 8 फरवरी तय की।
महेशखूंट सहरसा-पूर्णिया सेक्शन पैकेज वन एनएच 107
मधेपुरा पूर्णिया तथा खगड़िया जिले से गुजरने वाले इस राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर एक्सेल चार्ट बनाकर देने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया। कोर्ट का कहना था कि चार्ट में जमीन अधिग्रहण करने से लेकर जमीन मुआवजा भुगतान करने सहित अधिग्रहित जमीन पर से अतिक्रमण हटाने तथा एनएच निर्माण के लिए जमीन सौंपने तक की पूरी जानकारी दें। कोर्ट का कहना था कि राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने के बारे में भी कार्रवाई करें ताकि प्रदेश के लोग तथा दूसरे प्रदेश के लोग इन राजमार्ग का फायदा उठा सकें।
सबौर से कहलगांव तक हरेक साल टूटती है सड़क
अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार तथा अधिवक्ता आलोक कुमार राही ने कोर्ट को बताया कि मुंगेर और भागलपुर जिले से गुजरने वाली इस राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति काफी बदतर है। हमेशा इस सड़क की मरम्मत की जाती है लेकिन जगह-जगह सड़क धंस जाती है। उन्होंने भागलपुर के कार्यपालक अभियंता की ओर से भेजी गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि गंगा के किनारे से गुजरने के कारण प्रत्येक वर्ष बरसात में इस राजमार्ग पर गंगा नदी का पानी सड़क पर आ जाता है। इससे अलकतरा से बनी सड़क हर साल टूट जाती है।
उनका कहना था कि सबसे ज्यादा खराब स्थिति सबौर से कहलगांव तक की है। उनका यह भी कहना था कि इस क्षेत्र की मिट्टी ठोस नहीं होने के कारण ट्रकों का भार नहीं सहती और धस जाती है। इसकी हमेशा मरम्मत की जाती है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस राजमार्ग को कंक्रीट से बनाने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को लिखा गया है। मंत्रालय ने कंक्रीट से सड़क बनाने को मंजूरी दे दी है। जल्द ही कंक्रीट से सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।