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अंबाला में DRM के निर्देश पर ट्रेनों में छापामारी शुरू

अंबाला रेलवे स्टेशन पर बिगड़ रही व्यवस्था के सुधार को लेकर आरपीएफ जाग गई है। स्टेशन अधीक्षक की ओर से भेजे गए पत्र का असर अब नजर आने लगा है। आरपीएफ ने रेलवे परिसर में यात्रियों के लिए आफत बन रहे ई-रिक्शा पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है।

आरक्षित सहित महिलाओं और दिव्यांग कोच में सफर करने वाले अनधिकृत यात्रियों की धरपकड़ शुरू हो गई। यह कार्रवाई रेल मंडल प्रबंधक मंदीप सिंह भाटिया के निर्देश पर वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक की निगरानी में शुरू की है।

वाणिज्य विभाग के टिकट चेकिंग दस्ते की ओर से आरपीएफ के साथ मिलकर अंबाला मंडल के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से चलने वाली या गुजरने वाली ट्रेनों में विशेष टिकट चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अनारक्षित टिकट पर आरक्षित कोचों में यात्रा कर रहे यात्रियों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, उन्हें अनारक्षित (जनरल) कोच में भेजा जा रहा है।

इसके साथ ही ट्रेन में महिलाओं एवं दिव्यांगों के लिए चिह्नित कोच में गैर–कानूनी रूप से यात्रा कर रहे यात्रियों को भी जनरल कोच में भेजा जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले दिनों कई ट्रेनों के आरक्षित कोचों में अनधिकृत यात्रियों की खबरें सामने आ रही थीं। इसको संज्ञान में लेते हुए मंडल रेल प्रबंधक द्वारा यह आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि आमतौर पर भी टिकट चेकिंग दस्तों द्वारा अनधिकृत यात्रियों को आरक्षित कोच से हटाया जाता है। मंडल कार्यालय की ओर से जारी आदेश के बाद इस कार्य ने तेजी पकड़ ली है।

अंबाला मंडल के अंतर्गत आने वाले कई बड़े रेलवे स्टेशनों, जैसे कि अंबाला छावनी, चंडीगढ़, सहारनपुर, पटियाला, बठिंडा, रोपड़ आदि पर यह मुहिम चलाई जा रही है। इससे आरक्षित टिकट, जोकि अनारक्षित टिकट की तुलना में काफी अधिक होता है, पर यात्रा कर रहे यात्रियों को सुविधा मिलेगी और यात्री की शिकायतों में भी कमी आएगी। गौरतलब है कि यात्रियों से जुड़े इस मुद्दे को अमर उजाला ने कई बार प्रकाशित किया था कि किस प्रकार अनारक्षित टिकट पर सफर करने वाले यात्री आरक्षित कोच पर कब्जा कर लेते हैं और तीन माह पहले टिकटों का आरक्षण करने वाले यात्री ट्रेन के बाहर ही छूट जाते थे।

अधिकारी के अनुसार
मंडल प्रबंधक के संज्ञान में आया था कि अनारक्षित टिकट पर कुछ यात्री अभी भी आरक्षित कोच में सफर कर रहे हैं। वहीं दिव्यांग व महिला कोच पर भी ऐसे यात्रियों का कब्जा है। इसलिए उन्होंने ट्रेनों में विशेष चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं ताकि आरक्षित कोच में सफर करने वाले और दिव्यांग व महिला यात्रियों को सुविधा मिल सके। -नवीन कुमार, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, अंबाला मंडल।

कटिहार से अमृतसर के बीच चलेगी स्पेशल ट्रेन
बिहार जाने वाली ट्रेनों में लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए रेलवे ने कटिहार से अमृतसर के बीच स्पेशल ट्रेन के संचालन का फैसला किया है। अंबाला रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक नवीन कुमार ने बताया कि ट्रेन नंबर 05734 कटिहार से 25 जुलाई से 15 जुलाई तक प्रत्येक वीरवार को सुबह 11.40 बजे रवाना होकर अगले दिन शाम सात बजे अंबाला कैंट और रात 12.10 बजे अमृतसर पहुंचेगी।

वापसी में ट्रेन नंबर 05733 अमृतसर से 27 जुलाई से 17 अगस्त तक प्रत्येक शनिवार को सुबह 4.25 बजे रवाना होकर 8.45 बजे अंबाला कैंट और अगले दिन दोपहर तीन बजे कटिहार पहुंचेगी। बीच रास्ते ट्रेन नौगछिया, थाना भीपुर जंक्शन, मानसी, खगरिया, बेगुसराय, बरौनी, हाजीपुर, सोनपुर, छपरा ग्रामीण, छपरा, सिवान देवरिया सदर, गोरखपुर, बस्ती, गोंडा, बाराबंकी, लखनऊ, कानपुर सेंट्रल, इटावा, अलीगढ़, खुर्जा, हापुड़, मेरठ सिटी, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, अंबाला कैंट, साहनेवाल, लुधियाना, जालंधर सिटी और ब्यास रेलवे स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी।

जागी आरपीएफ, ई-रिक्शा पर कसा शिकंजा
अंबाला रेलवे स्टेशन पर बिगड़ रही व्यवस्था के सुधार को लेकर आरपीएफ जाग गई है। स्टेशन अधीक्षक की ओर से भेजे गए पत्र का असर अब नजर आने लगा है। आरपीएफ ने रेलवे परिसर में यात्रियों के लिए आफत बन रहे ई-रिक्शा पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। मंगलवार को दर्जन के करीब ई-रिक्शा पर आरपीएफ ने शिकंजा कसा और उनके चालान काटे।

हालांकि इस दौरान कुछ फोन भी आए, बावजूद इसके आरपीएफ ने किसी को नहीं छोड़ा। मौके पर मौजूद सहायक उप निरीक्षक कुलबीर सिंह कार्रवाई करते हुए नजर आए। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले अंबाला रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक नवीन कुमार शाम के समय रेलवे स्टेशन के निरीक्षण पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें रेलवे परिसर में अव्यवस्थाओं का आलम नजर आए कि अगर कभी कोई इमरजेंसी आ जाए तो जरूरी वाहन स्टेशन तक नहीं पहुंच पाएंगे क्योंकि परिसर में ई-रिक्शा चालकों ने कब्जा किया हुआ था। सबसे बड़ी हैरानी इस बात की थी मुख्य गेट के पास नो पार्किंग जोन में ही उन्होंने अपना ठिकाना बनाया हुआ था। इसके बाद आरपीएफ को कार्यवाही के लिए पत्र लिखा गया।

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