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अतुल सुभाष की आखिरी निशानी को अपने पास रखना चाहती हैं मां, नाबालिग बेटे की कस्टडी को लेकर होगी सुनवाई

पत्नी के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाकर आत्महत्या करने वाले बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की मां की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। अतुल सुभाष की मां ने अपने पौत्र की कस्टडी की मांग करते हुए याचिका दायर की है।

अतुल सुभाष अपने घर में फांसी पर लटके मिले थे

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ अंजू देवी की याचिका पर सुनवाई कर सकती है, जिन्होंने अपने चार वर्षीय पौत्र की कस्टडी की मांग करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है।

गौरतलब है कि पिछले साल नौ दिसंबर को बेंगलुरु के मुन्नेकोलालु में अतुल सुभाष अपने घर में फांसी पर लटके मिले थे। सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में पत्नी और ससुराल वालों को यह कदम उठाने के लिए मजबूर करने का दोषी ठहराया था।

बहू ने बच्चे का पता उनसे छिपा रखा

पिछली सुनवाई के दौरान, सुभाष की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि बच्चा हरियाणा के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है।अंजू देवी की ओर से अधिवक्ता कुमार दुष्यंत सिंह ने बच्चे की कस्टडी की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि उनकी अलग रह रही बहू ने बच्चे का पता उनसे छिपा रखा है।

बच्चा अभी हरियाणा के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा

उन्होंने तर्क दिया था कि छह वर्ष से कम आयु के बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में नहीं भेजा जाना चाहिए तथा उन्होंने उन तस्वीरों का हवाला दिया था, जिनमें दिखाया गया था कि जब बच्चा केवल कुछ साल का था, तब याचिकाकर्ता उससे बातचीत कर रही थी।

इसके बाद कोर्ट ने 20 जनवरी को अगली सुनवाई पर बच्चे को सुप्रीम कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था और कहा था कि मामले का फैसला मीडिया ट्रायल के आधार पर नहीं किया जा सकता।

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