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अधिक फीस वसूलने की शिकायत पर निजी स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी

134-ए की नियमावली से प्राइवेट स्कूलों में दाखिल बच्चों से किसी तरह की फीस नहीं वसूली जा सकती। रेवाड़ी के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ने ऐसे स्कूलों को आगाह करते हुए नियमावली का हवाला देकर अपनी मनमानी बंद करने के निर्देश दिए हैं।

एक निजी स्कूल का मामला संज्ञान में आने के बाद बीईओ ने पत्र जारी कर 134-ए तहत हुए दाखिलों के विरुद्ध किसी प्रकार की फीस वसूली को नियमों की अवहेलना करार दिया है। बीईओ ने स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक दिन के भीतर जवाब मांगा है। जवाब नहीं देने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का हवाला भी पत्र में दिया गया है।

डूंगरवास निवासी रविशंकर ने बीईओ को एक शिकायत देकर कहा था कि उसकी बेटी एक निजी स्कूल की आठवीं कक्षा में पढ़ती है। उसका दूसरी कक्षा के लिए नियम 134-ए के तहत स्कूल में दाखिला हुआ था। अब स्कूल प्रशासन उस पर और उसकी बेटी पर फीस के लिए लगातार दबाव बना रहा है।

फीस न भरने की सूरत में बच्ची को स्कूल से निकालने की धमकी भी दी जा रही है, जिससे उसकी बेटी और वह मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। रवि ने अपनी यह व्यथा गांव के प्रिंसिपल और गांव के सरपंच विपिन कुमार को बताई।

इन दोनों ने स्कूल प्रबंधन से संपर्क कर नियमों का हवाला दिया तो स्कूल प्रबंधन ने इन लोगों को हर हाल में फीस भरने का टका सा जवाब दे दिया। सरपंच विपिन कुमार और प्रिंसिपल बीईओ ऑफिस पहुंचे और रवि शंकर और उसकी बेटी के साथ हो रहे अत्याचार की शिकायत की।

ये हैं नियम
गरीब बच्चों के प्राइवेट स्कूलों में दाखिलों के लिए 134-ए का नियम बनाया गया था। इसके तहत स्कूलों को 25 फीसदी दाखिले गरीब बच्चों के करने अनिवार्य किए गए थे। 2022 में सरकार ने इस नियम को खत्म कर दिया। इसकी एवज में मौलिक शिक्षा निदेशालय की ओर से एक अप्रैल 2022 को पत्र क्रमांक 8/134-2019 पीएस (1) दिनांक 31-3-2022 जारी कर यह स्पष्ट किया गया कि हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमावली 2003 के संशोधित नियम 134-ए के संबंध में जारी अधिसूचना दिनांक 28-3-2022 के तहत 134-ए नियम को समाप्त कर दिया गया है। इस नियम के तहत जिस बच्चे का दाखिला मान्यता प्राप्त स्कूलों में है, ऐसे बच्चे उन्हीं स्कूलों में अपनी शिक्षा पूर्ण करेंगे।

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