दिल्लीराज्य

अमेरिका में गूंजेगी दिल्ली की बांसुरी की धुन, विदेशों में भी लड्डू गोपाल के शृंगार आइटमों की मांग

अमेरिका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम और आस्ट्रेलिया में दिल्ली की बांसुरी की धुन गूंजेगी। विदेशी धरती पर लड्डू गोपाल की पोशाक भी चमक बिखेरेगी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से पहले इस वक्त किनारी बाजार, सदर बाजार, पहाड़गंज व कोटला मुबारकपुर बाजार समेत दिल्ली के दूसरे बाजारों में श्रीकृष्ण के साज-श्रृंगार आइटमों की धूम है। सबसे ज्यादा मांग अमेरिका, कनाडा और यूके से है। विदेश में बसे भारतीयों के साथ विदेशी भी कान्हा की अगवानी को तैयार हैं।

कारोबारी बताते हैं कि इस बार सबसे ज्यादा मांग डिजाइनर व बुटिक पोशाक की है। मीनाकारी झूले भी पसंद किए जा रहे हैं। इनको मोतियों से तैयार किया गया है। किनारी बाजार में 100 साल पुरानी दुकान पंकज भाई पोशाक वाला के दुकानदार पंकज जैन बताते हैं कि यूके व कनाडा से अधिक ऑर्डर आए हैं। वह कहते हैं कि श्रीकृष्ण के लोग वस्त्र डिजाइन करवा रहे हैं। पीतल, कांस्य व बांस से बनी बांसुरी लोग पसंद कर रहे हैं।

जन्माष्टमी को लेकर बाजार रहा गुलजार
लड्डू गोपाल के झूलों से लेकर वस्त्र तक दुकानों में सजाए गए है। बाजारों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी से संबंधित चीजों की खरीदारी करते लोगों को देखा जा रहा है। दुकानदारों ने भी भगवान श्रीकृष्ण की पोशाक, पालना, झूला और मूर्तियां दुकानों में आकर्षक ढंग से सजाई हैं। बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है। दुकानों पर लकड़ी व तार वाले डिजाइनर झूले व रंग-बिरंगे मोतियों व शीशे से सजे झूलों की सबसे अधिक मांग नजर आ रही है। बाजारों में भगवान श्री कृष्ण जी की पोशाकें, नंद गोपाल, पूजा सामग्री आदि खरीदने वालों का तांता लगा हुआ है।

100 करोड़ रुपये से ऊपर के कारोबार का अनुमान
किनारी बाजार, सदर बाजार, पहाड़गंज व कोटला मुबारक पुर बाजार भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों के अलावा झांकियां सजाने का सामान भी खरीदा जा रहा है। विक्रेता राजन ने बताया कि कान्हा की पोशाक 10 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक की बिक रही है।

कान्हा को सजाने के लिए माला 10 से 70 रुपये, मुकुट 10 से 300 रुपये, बांसुरी 10 से 2000 रुपये और हाथ में पहनाने वाले कड़े 20 रुपये के बिक रहे हैं। बाजार में सर्राफा की दुकान पर भी चांदी के लड्डू गोपाल व सिंहासन बिक्री के लिए मौजूद है। श्रीकृष्ण का सिंहासन भी महंगा हो गया है। 600 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक बिक रहा है। दुकानदारों के मुताबिक जन्माष्टमी को लेकर 100 करोड़ रुपये से ऊपर का कारोबार है।

ऑर्डर लेना किया बंद
किनारी व सदर बाजार के दुकानदारों ने बताया कि डिजाइन करने वाली पोशाक के ऑर्डर लेना बंद कर दिया है। वह कहते हैं कि मांग इतनी अधिक है कि ऑर्डर पूरा करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में अब नए ऑर्डर नहीं ले रहे हैं। पहाड़गंज के दुकानदार उदित नारायण ने बताया कि उनके पास मांग कान्हा की पगड़ी की आ रही है। उनका कहना है कि पगड़ी को तैयार करने के लिए काफी समय चाहिए। इससे कई खरीदारों को वापस लौटाना पड़ रहा है। उधर, सदर बाजार में खरीदारी करने आईं नीलम शर्मा कहती हैं कि उन्हें कान्हा की पोशाक डिजाइन करवानी थी, लेकिन दुकानदार ऑर्डर लेने से इंकार कर रहे हैं।

ऑनलाइन से कम हुआ कारोबार
कान्हा के साज-श्रृंगार का सामान बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि ऑनलाइन मार्केट ने उनका कारोबार को कम किया है। वह कहते हैं कि जो सामान महीन तरीके से बनता है, वह मशीन से बनेगा तो सस्ता पड़ता है। ऐसे में हाथों से बने सामान की कीमत नहीं निकल पा रही है।

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