उत्तरप्रदेशराज्य

अयोध्या: राम मंदिर की फसाड लाइटिंग पर खर्च होंगे 10 करोड़

यूपी के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य के प्रगति की समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। यह जानकारी राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने दी। उन्होंने बताया कि मंदिर के लोअर प्लिंथ में लगने वाले 90 म्यूरल्स में से 85 तैयार होकर अयोध्या पहुंच चुके हैं। वहीं, थ्री डी मूर्तियों के निर्माण में तकरीबन 15 से 30 दिन की देरी दर्ज की गई है।

इस पर बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। निर्माण स्थल पर लगाए गए पांच टाइम-लैप्स कैमरों से जो पूरी निर्माण यात्रा रिकॉर्ड हो रही है, उसे इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स घोषित किया गया है। यह अधिकार शर्तनामा के साथ सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, रुड़की को सौंपे जाएंगे। ताकि, इस सामग्री का उपयोग शिक्षा-प्रशिक्षण और पांच वर्षों की इस ऐतिहासिक यात्रा पर डॉक्यूमेंट्री तैयार करने में किया जा सके। इसमें खुदाई, सॉइल टेस्ट से लेकर प्रस्तावों और चरणबद्ध निर्माण तक की पूरी कहानी दर्ज होगी।

अक्टूबर के अंत तक अधिकांश कार्य पूरे हो जाएंगे
समीक्षा के दौरान अस्थायी मंदिर स्मारक और शहीदों की स्मृति में लगाए गए ग्रेनाइट पिलर्स के स्वरूप पर भी विस्तार से विचार किया गया। ट्रस्ट का स्पष्ट मत है कि मंदिर की पवित्रता और मूल स्वरूप पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। निर्माण कार्य की रफ्तार को देखते हुए अनुमान है कि अक्टूबर के अंत तक अधिकांश कार्य पूरे हो जाएंगे।

आठ से 10 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान
वहीं, दिसंबर 2025 तक शेष कार्य भी लक्ष्य के अनुसार पूर्ण कर लेने का विश्वास जताया गया। इसी कड़ी में मंगलवार की सुबह 9:30 बजे तीन कंपनियों की ओर से फसाड लाइटिंग का डेमोस्ट्रेशन किया गया। इसमें हाइब्रिड मॉडल, प्रोजेक्टर और लीनियर लाइटिंग जैसे विकल्प प्रस्तुत किए गए। अंतिम चयन के बाद इस पूरी व्यवस्था पर लगभग आठ से 10 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है।

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