अहोई अष्टमी पर बनाएं पारंपरिक भोग, ये रही सबसे आसान विधि

अहोई अष्टमी के दिन का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। इस त्योहार को माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए श्रद्धा के साथ मनाती हैं। इस दिन भी व्रत रखा जाता है और शाम को पूजा के बाद पारंपरिक भोग तैयार किया जाता है। भोग में कई तरह की मिठाइयां और व्यंजन बनाए जाते हैं, लेकिन इन सभी में पुए यानी कि गुलगुले का विशेष स्थान होता है।
गुड़ और गेहूं के आटे से बने ये मीठे पकवान पूजा में देवी को चढ़ाए जाते हैं और प्रसाद के रूप में पूरे परिवार को वितरित किए जाते हैं। गुलगुले बनाना बेहद आसान है और इसकी तैयारी में ज्यादा समय भी नहीं लगता। इसका स्वाद बच्चों से लेकर बड़ों तक को पसंद आता है। ये व्यंजन न केवल पूजा में उपयोगी होता है, बल्कि परिवार में एक पारंपरिक मिठास भी जोड़ता है। आइए जानते हैं कि अहोई अष्टमी पर गुलगुले किस तरह बनाए जाते हैं।
गुलगुले बनाने का सामान
गेहूं का आटा – एक कप
गुड़ – आधा कप
पानी – आधा कप
सौंफ – एक छोटा चम्मच
इलायची पाउडर – एक चौथाई चम्मच
तेल – तलने के लिए
विधि
गुलगुले बनाना थोड़ा कठिन हो सकता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले गुड़ को गर्म पानी में डालकर अच्छी तरह घोल लें। इसे सही तरह से घोलने के बाद अब इस गुड़ के पानी में गेहूं का आटा मिलाकर एक गाढ़ा घोल तैयार करें
इसके बाद इस घोल में सौंफ और इलायची पाउडर डालें। सभी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स करने के बाद इस घोल को कम से कम दस से पंद्रह मिनट के लिए ढककर रख दें।
जब ये सही से सेट हो जाए तो इसके बाद एक कढ़ाई में तेल गर्म करें और तैयार घोल को छोटे-छोटे चम्मच की मदद से तेल में डालें। मध्यम आंच पर गुलगुले को सुनहरा होने तक तलें। अब ये प्रसाद के लिए तैयार हैं। गुलगुले पूजा में चढ़ाकर पूरे परिवार के साथ बाँटे जाते हैं, जिससे त्योहार की मिठास और भी बढ़ जाती है।