राज्य सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त राशि वहन करेगी। इसके लिए राज्यांश के अलावा पांच करोड़ रुपये टॉप अप के रूप में प्रदान करेगी।
इसी के साथ राज्य सरकार ने राज्य के 14,129 आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल आपूर्ति एवं 6,951 में शौचालय के निर्माण के लिए संशोधित दर की स्वीकृति प्रदान कर दी है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने नए प्राक्कलन में यह संशोधित दर निर्धारित की थी।
भारत सरकार ने प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में पेयजल आपूर्ति के लिए 17 हजार रुपये राशि निर्धारित की है। इसी तरह, शौचालय निर्माण के लिए प्रति केंद्र 36 हजार रुपये तय की है। इसमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देती है, जबकि राज्यांश के रूप में 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को वहन करना पड़ता है।
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने शौचालय निर्माण के लिए तो 35,409 रुपये की दर पर प्राक्कलन तैयार किया है, जो केंद्र से स्वीकृति राशि से थोड़ा कम है। लेकिन पेयजल आपूर्ति के लिए 3,741 रुपये अधिक दर पर प्राक्कलन तैयार किया है।
अब राज्य सरकार ने बढ़ी हुई दर पर पेयजल आपूर्ति की स्वीकृति देते हुए अतिरिक्त राशि लगभग पांच करोड़ रुपये टाप अप के रूप में अपने बजट से देने का निर्णय लिया है।
राज्य सरकार के पास हैं 4904.29 लाख रुपये
राज्य सरकार के पास 4904.29 लाख रुपये एसएनए खाते में पड़े हुए हैं। इनमें 2942.57 लाख रुपये केंद्रांश के हैं, जबकि 1,961.72 लाख रुपये राज्यांश के हैं। नई दर से 14,129 आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल आपूर्ति एवं 6,951 में शौचालय के निर्माण पर लगभग 54 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इस तरह, लगभग पांच करोड़ रुपये राज्य सरकार को टॉप अप के रूप में देने होंगे। अन्य केंद्रों जहां पेयजल आपूर्ति एवं शौचालय उपलब्ध नहीं है, वहां भारत सरकार से केंद्रांश की राशि मिलने के बाद वहां इसकी व्यवस्था की जाएगी।