महाराष्ट्रराज्य

आईपीएस संजय वर्मा महाराष्ट्र के नए डीजीपी बनाए गए

एक समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने अधिकारियों को न केवल निष्पक्ष रहने की चेतावनी दी थी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि वे अपने कर्तव्यों का पालन करते समय पक्षपात करते न दिखें।

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी संजय कुमार वर्मा को मंगलवार को महाराष्ट्र का नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया गया। विधि एवं प्रौद्योगिकी महानिदेशक के तौर पर सेवा दे रहे 1990 बैच के अधिकारी वर्मा रश्मि शुक्ला की जगह लेंगे। प्रमुख विपक्षी दलों की शिकायतों के बाद निर्वाचन आयोग ने राज्य पुलिस प्रमुख के पद से शुक्ला को हटाने का निर्देश दिया था। अधिकारी ने बताया कि संजय कुमार वर्मा को अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त होना है।

20 नवंबर को चुनाव
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। हाल ही में एक समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने अधिकारियों को न केवल निष्पक्ष रहने की चेतावनी दी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि वे अपने कर्तव्यों का पालन करते समय पक्षपात करते न दिखें।

राजनीतिक रूप से प्रेरित अपराधों पर चिंता व्यक्त की थी
इससे पहले 29 अक्तूबर को राजीव कुमार ने महाराष्ट्र में राजनीतिक रूप से प्रेरित अपराधों पर चिंता व्यक्त की थी और डीजीपी शुक्ला से ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा था।

शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने किया फैसले का स्वागत
तबादले के आदेश पर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि हम चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र की डीजीपी रश्मि शुक्ला के खिलाफ लिए गए फैसले का स्वागत करते हैं। शरद पवार ने भी इस फैसले को सही करार दिया था।

नाना पटोले ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा
इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया था कि चुनाव आयोग से अनुरोध है कि वह सुनिश्चित करे कि डीजीपी रश्मि शुक्ला को किसी अन्य पद पर नियुक्त न किया जाए, जिससे कानूनी ढांचे का पालन हो और संस्था में जनता का विश्वास मजबूत हो।

इससे पहले झारखंड के भी डीजीपी बदले गए
महाराष्ट्र से पहले झारखंड में भी चुनाव आयोग के निर्देश पर डीजीपी को बदला गया था। जिसमें 19 अक्तूबर को झारखंड के भी डीजीपी अनुराग गुप्ता का तबादला किया गया था। वहीं चुनाव आयोग ने डीजीपी को तत्काल प्रभाव से हटाने के बाद उनकी रैंक के सबसे सीनियर अधिकारी को इसका प्रभार सौंपा था।

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