सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से सातवीं बार जीत हासिल करने पर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने क्षेत्र की जनता के प्रति आभार जताया। चंपई ने कहा राज्य की जनता ने भाजपा को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है। हम जनता का सम्मान करते हैं और राज्य की जनता को बधाई देते हैं।
20 हजार ले ज्यादा वोटों से जीत
सरायकेला विधानसभा सीट से चंपई सोरेन ने झामुमो प्रत्याशी गणेश महली को 20447 वोट से हराया। चंपई को कुल 119379 वोट मिले, वहीं गणेश महली 98932 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के प्रेम मार्डी को 40056 वोट मिले हैं। सरायकेला सीट से वो तीसरे नंबर पर रहे। सरायकेला सीट से जीत दर्ज करने के साथ ही चंपई ने नलिन सोरेन के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। वो लगातार 7वीं बार चुनाव जीतने वाले विधायक बन गए हैं। चंपई साल 1995 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं।
आज अकेला हूं कल सौ बनाऊंगा
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपने बेटे बाबूलाल सोरेन व सोनाराम बोदरा को चुनाव न जीत पाने को लेकर अफसोस जाहिर किया। इस दौरान चंपई ने कहा कि आज मैं अकेला हूं कल सौ बनाऊंगा। चंपई सोरेन रविवार को अपने आवास पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे, इस दौरान उन्होंने ये बातें कहीं।
जेएलकेएम से भाजपा को नुकसान
चंपई सोरेन ने जयराम की पार्टी जेएलकेएम से भाजपा को नुकसान की बात को स्वीकारा। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा के 22 प्रत्याशी जेएलकेएम की वजह से हारे। इस दौरान उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठिए के मुद्दे को राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक मुद्दा बताया।
बांग्लादेशी घुसपैठ रोकने के लिए करेंगे आंदोलन
चंपई ने कहा कि संताल परगना ही नहीं धीरे-धीरे पूरे राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठए आदिवासी एवं मूलवासियों की जमीन और अस्मिता लूट रहे हैं। उनकी आबादी हर जगह बढ़ती चली जा रही है। इस चुनाव में राज्य की जनता भले नहीं समझ पाई, लेकिन मैं बांग्लादेशी घुसपैठियों से आदिवासी मूलवासी की जमीन और अस्मिता की रक्षा के लिए अगले पांच साल तक संघर्ष करता रहूंगा।
जनवरी के बाद संताल क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ आंदोलन खड़ा करेंगे। ज़ब तक बांग्लादेशी घुसपैठियों को चुन-चुन कर नहीं भगाएंगे चैन से नहीं बैठेंगे।