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आज जयपुर में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे गृह मंत्री अमित शाह, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को जयपुर में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक रामबाग पैलेस होटल में सुबह 11 बजे होगी। बैठक में उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा सहित उत्तर भारत के आठ राज्यों के प्रतिनिधि के रूप में मुख्यमंत्री और उप राज्यपाल शामिल होंगे। बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की जगह वित्त मंत्री शामिल होंगे। 

बता दें, राजस्थान में करीब ढाई दशक के बाद उत्तर क्षेत्रीय परिषद की यह महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इस बैठक में केंद्र सरकार ने 7 मुद्दों पर चर्चा करने की बात कही है।

मुख्यमंत्री-उपराज्यपाल बैठक में होंगे शामिल

उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जलदाय मंत्री डा महेश जोशी सहित हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ के उपराज्यपाल भी बैठक में शामिल होंगे।

हरियाणा-पंजाब के बीच विवाद

उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक में हरियाणा करीब छह मुद्दों को उठा सकता है। इन मुद्दों को लेकर उसका पंजाब के साथ अक्सर टकराव की स्थित बनी रहती है। पिछली बैठक में भी एसवाईएल नहर के पानी समेत अन्य अंतरराज्यीय मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच खासा विवाद हुआ था। इस बार भी हरियाणा इस मुद्दे को उठा सकता है। बता दें, एसवाईएल नहर पिछले काफी समय से हरियाणा और पंजाब के बीच विवाद का कारण रही है।

इस मुद्दे को उठा सकता है हरियाणा

बता दें, भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) में हरियाणा और पंजाब की स्थायी सदस्यता खत्म हो चुकी है। अभी तक पंजाब का एक सदस्य बिजली विभाग से और हरियाण का एक सदस्य सिंचाई विभाग से होता था। यह मुद्दा हरियाणा की विधानसभा में भी उठा था, जिसके बाद BBMB ने हरियाणा की सदस्यता खत्म होने से इनकार किया, लेकिन इसका ठोस भरोसा नहीं मिल पाया। ऐसे में हरियाणा इस मुद्दे को बैठक में उठा सकता है।

बैठक में उठेगा सुखना सेंक्चुरी का मुद्दा

उत्तर क्षेत्रीय परिषद में सबसे अहम मुद्दा सुखना सेंक्चुरी का इको सेंसटिव जोन रहेगा। पंजाब और हरियाणा सरकारों की लापरवाही के चलते सेंक्चुरी कंक्रीट का जंगल बनती जा रही है। पंजाब और हरियाणा अपने एरिया में पड़ने वाले सुखना वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी के इको सेंसटिव जोन की अधिसूचना जारी नहीं कर रहे। जबकि सेंक्चुरी का 90 फीसदी एरिया इन दोनों राज्यों में आता है। बढ़ता ट्रैफिक और कमजोर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी प्रमुखता से मीटिंग में रखा जाएगा।

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