दिल्लीराज्य

आज भी डॉक्टरों की हड़ताल, 24 घंटे काम बंद… प्राइवेट अस्पताल भी शामिल

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में हुई डॉक्टर की हत्या के विरोध में दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। एम्स ने मरीजों की सुविधा के लिए इमरजेंसी को बाधित न करने का फैसला लिया है। एम्स की इमरजेंसी में रोज 800 से ज्यादा मरीज आते हैं। इसमें ज्यादातर काफी गंभीर होते हैं। आज सुबह 6 बजे से 24 घंटे की हड़ताल शुरू हो गई है। निजी अस्पताल के आपातकालीन में सुविधा मिल रही है। वार्ड में भी सुविधा मिल रही है लेकिन डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध रखी है।

यूसीएमएस और जीटीबीएच में हड़ताल
वहीं दूसरी तरफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन यूसीएमएस (यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज) और जीटीबीएच (गुरु तेग बहादुर अस्पताल) आज अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। सुबह 9.30 बजे उनकी आम सभा होगी।

बीते शुक्रवार को एम्स, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेस, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज सहित दूसरे मेडिकल कॉलेजों के हजारों छात्रों ने निर्माण भवन का घेराव किया। देर शाम तक डॉक्टर निर्माण भवन पर बैठकर प्रदर्शन करते रहे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश भी की, लेकिन डॉक्टर अपनी जगह से नहीं हटे। वहीं, देर शाम डॉक्टरों ने सफदरजंग अस्पताल से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकाला। इसके अलावा अलग-अलग कॉलेज व अस्पतालों में डॉक्टरों ने अपने स्तर पर प्रदर्शन किया।

प्राइवेट अस्पताल में हड़ताल में शामिल, 24 घंटे काम बंद
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की देशव्यापी हड़ताल के तहत दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने शनिवार को आपातकालीन सेवाएं भी बंद करने का फैसला किया है। 24 घंटे चलने वाली इस हड़ताल में निजी अस्पताल भी शामिल रहेंगे। फैसला लिया गया है कि सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक दिल्ली के सभी क्लिनिक, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर पूरी तरह से बंद रहेंगे। आपातकालीन सेवाओं को भी बंद रखा जाएगा।

आज जंतर-मंतर तक रैली निकालेंगे
न्याय की मांग को लेकर शनिवार को डॉक्टर लेडी हार्डिंग से जंतर-मंतर तक रैली निकालेंगे। साथ ही जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी करेंगे।

फैकल्टी के साथ नर्सिंग स्टाफ ने भी किया प्रदर्शन
डॉक्टरों की मांग का समर्थन करते हुए फैकल्टी ने भी सुरक्षा के लिए जल्द ठोस कानून बनाने की मांग की है। सफदरजंग अस्पताल की फैकल्टी ने मांग रखी है कि जल्द से जल्द ठोस कानून बनना चाहिए। यदि डॉक्टर ही हिंसा का शिकार होते रहेंगे तो वह मरीजों का इलाज कैसे करेंगे। अक्सर डॉक्टरों से मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं। ऐसी स्थिति में काम करना मुश्किल हो जाएगा।

वहीं डॉक्टरों के समर्थन में शुक्रवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ ने भी प्रदर्शन किया। उधर, एम्स की फैक्ल्टी ने शुक्रवार को आपात बैठक कर सभी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं देने का फैसला लिया। उन्होंने एम्स के निदेशक को इस बारे में पत्र लिखकर कहा है कि शनिवार को ओटी, ओपीडी समेत दूसरी सुविधाएं नहीं देंगे।

एम्स में आज होगी बैठक
महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए शनिवार को एम्स के सर्जरी विभाग में समिति की बैठक होगी। बैठक में महिला कर्मचारियों की सुरक्षा पर चर्चा होगी। साथ ही लूज प्वाइंट पर चर्चा होगी। साथ ही उसे दूर करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।

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