उत्तरप्रदेशराज्य

आज यूपी की 1.86 करोड़ माताओं-बहनों को मिलेंगे दो मुफ्त एलपीजी सिलेंडर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को लोकभवन सभागार में उज्जवला योजना के तहत पात्र महिलाओं को मुफ्त सिलेंडर रिफिल का उपहार देंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत मई, 2016 में हुई थी। इस योजना से खासकर ग्रामीण भारत की रसोई को धुएं से मुक्त करने में सफलता मिली। साथ ही, महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव भी कम करने की दिशा में प्रभावी साबित हुई। प्रदेश में अब तक 1.86 करोड़ परिवारों को उज्ज्वला कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं।

राज्य सरकार ने उज्ज्वला लाभार्थियों को प्रति वर्ष दो मुफ्त एलपीजी रिफिल देने का निर्णय लिया है। यह वितरण वित्तीय वर्ष 2025-26 में दो चरणों में किया जाएगा। पहला चरण अक्टूबर 2025 से दिसंबर 2025 तक और दूसरा चरण जनवरी 2026 से मार्च 2026 तक होगा। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश सरकार ने 1500 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया है। पहले चरण में आधार प्रमाणित लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में 1.23 करोड़ उज्ज्वला लाभार्थियों का आधार प्रमाणन पूरा हो चुका है। योजना के तहत तीनों ऑयल कंपनियों (इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम) के माध्यम से वितरण सुनिश्चित कराया जाएगा। राज्य स्तरीय समन्वयकों द्वारा मांगी गई 346.34 करोड़ रुपये की अग्रिम धनराशि कंपनियों को दी जा चुकी है, ताकि वितरण में देरी न हो।

शिक्षामित्रों को दीपावली से पहले मिलेगा मानदेय

प्रदेश के 1.30 लाख शिक्षामित्रों की दीपावली भी अच्छे से मनेगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने इनके सितंबर के मानदेय के लिए 129 करोड़ से अधिक की राशि जारी कर दी है। अगले एक-दो दिन में यह राशि उनके खाते में भेज दी जाएगी।

प्रदेश के 4.50 लाख से अधिक शिक्षकों को वेतन पहले ही जारी किया जा चुका था। किंतु इनके लिए मानदेय नहीं जारी किया गया था। इसे लेकर परेशान शिक्षामित्रों व अनुदेशकों ने समय से बजट जारी करने की मांग की थी। ताकि वे भी अच्छे से दीपावली व अन्य त्योहार मना सके। इस क्रम में राज्य परियोजना निदेशक मोनिका रानी की ओर से बजट जारी कर दिया गया है। साथ ही सभी बीएसए को निर्देश दिए गए हैं कि मानदेय का भुगतान शिक्षामित्रों के खाते में किया जाए। किसी नए या अपात्र शिक्षामित्र को भुगतान न किया जाए। इसकी व्यय रिपोर्ट भी निदेशालय को भेजी जाए।

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