अध्यात्म

आज हम आपको ऐसे रत्न के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे धारण करने से गुरु बृहस्पति होंगे प्रसन्न..

ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए और उनकी स्थिति मजबूत करने के लिए ज्योतिषी रत्न धारण करने की सलाह देते हैं। रत्नशास्त्र में 8 रत्न और 84 उपरत्नों का जिक्र किया गया है। हर रत्न किसी न किसी ग्रह से संबंधित है। ग्रह से संबंधित रत्न धारण करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। आज हम आपको एक ऐसे ही रत्न के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे धारण करने से गुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं और आपके लिए समाज में मान-सम्मान का कारक बनते हैं।

पुखराज गुरु बृहस्पति का रत्न है। यह पीले रंग का रत्न है। जिसे पुरूष दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में और महिलाएं दाएं व बाएं दोनों हाथों की तर्जनी उंगली में पहन सकती है। इसे सोने, पंच धातु या अष्ट धातु के साथ पहना जा सकता है। पुखराज रत्न को गुरुवार के दिन सुबह 5 से 9 बजे के बीच धारण करना चाहिए। 

पुखराज धारण करने के फायदें- 

इस रत्न को धारण करने से नौकरी, बिजनेस, एकेडमिक करियर में सफलता मिलने लगती है। साथ ही साथ वित्तीय व सामाजिक स्थिति में सुधार, वैवाहिक जीवन में खुशहाली, स्वास्थ्य में लाभ और संतान का स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहता है। 

धारण करने की विधि- 

ज्योतिषी सलाह के अनुसार पुखराज रत्न को धारण करने से पहले गंगाजल सुर गाय के कच्चे दूध में तीन बार डुबों कर शुद्ध कर लें। ऐसा करते समय ॐ स्त्रीं ब्रह्म बृहस्पतये नमः” मंत्र का कुल 108 बार जाप करें। इस मंत्र का जाप करते हुए पुखराज को अंगूठी या पेंडेंट के रूप में धारण कर लें।

मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि के जातक पुखराज रत्न धारण कर सकते हैं। वहीं कन्या, तुला और कुंभ राशि के जातक भूलकर भी पुखराज रत्न धारण न करें।

Related Articles

Back to top button