अध्यात्म

आज है काल भैरव जयंती…

आज मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जा रही है। इसके साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जा रहा है। आइए पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 22 November 2024) जानते हैं।

वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 22 नवंबर को काल भैरव जयंती है। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की पूजा की जाती है। इसके साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख, शांति एवं समृद्धि बनी रहती है। ज्योतिषियों की मानें तो काल भैरव जयंती पर पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में काल भैरव देव की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि आज यानी 22 नवंबर के दिन संध्याकाल 06 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी और 23 नवंबर को संध्याकाल 07 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी। इस शुभ अवसर पर काल भैरव देव की पूजा की जाएगी।

शुभ योग (Shubh 2024 Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन सुबह 11 बजकर 34 मिनट पर होगा। इसके बाद इंद्र योग का मंगलकारी संयोग बन रहा है। इस शुभ अवसर पर रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। ज्योतिष इन योग को शुभ मानते हैं। इन योग में काल भैरव देव की पूजा करने से बड़ी से बड़ी विपत्ति दूर हो जाती है। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है।

करण
आज यानी 22 नवंबर के दिन बव और बालव करण का संयोग बन रहा है। सबसे पहले बव करण का निर्माण हो रहा है। इसके बाद बालव करण का निर्माण हो रहा है। दोनों ही करण शुभ माने जाते हैं। इन योग में शुभ कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। इन योग में शुभ कार्य करने से साधक पर काल भैरव देव की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक के सकल मनोरथ पूर्ण होंगे।

पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 50 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 25 मिनट पर
चन्द्रोदय- रात 11 बजकर 41 मिनट पर
चन्द्रास्त- दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 02 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 35 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक

अशुभ समय
राहु काल – सुबह 10 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 07 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 08 बजकर 09 मिनट से 09 बजकर 28 मिनट तक
दिशा शूल – पश्चिम

ताराबल
अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल
वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुम्भ

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