राष्ट्रीय

आदिवासियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में होगा सुधार

सरकार ने देश में आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की घोषणा की। साथ ही संबंधित मंत्रालय के लिए बजटीय आवंटन में लगभग 70 प्रतिशत की वृद्धि की।

63,000 आदिवासी गांवों को किया जाएगा शामिल

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में आदिवासी परिवारों को विकास के दायरे में लाना है। इसमें 63,000 आदिवासी गांवों को शामिल किया जाएगा, जिससे पांच करोड़ आदिवासियों को लाभ होगा। सरकार ने बजट में जनजातीय मामलों के मंत्रालय को 13,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

6399 करोड़ रुपये से बनेंगे आवासीय स्कूल

दूरदराज के क्षेत्रों में आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की स्थापना के लिए 6,399 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। हालांकि, अनुसूचित जनजाति छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप और छात्रवृत्ति के लिए बजटीय आवंटन 2023-24 के 230 करोड़ रुपये के मुकाबले घटकर 2024-25 में 165 करोड़ रुपये हो गया है।

PMAAGY के लिए बढ़ाई गई राशि

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए आवंटन 2023-24 के 2,959.43 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2024-25 में 6,611.69 करोड़ रुपये कर दिया गया है। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएएजीवाई) के लिए वित्तीय सहायता 2023-24 के 300 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2024-25 में 1,000 करोड़ रुपये कर दी गई है।

प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल विकास और रोजगार-सह-आय सृजन जैसे क्षेत्रों में अंतराल को पाटने के लिए आदिवासी लोगों के विकास और कल्याण के लिए अधिसूचित एसटी आबादी वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को धन प्रदान किया जाता है।

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