दोनों पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता की है। उन्होंने सुनीता केजरीवाल से मिलकर अपनी बात रखने की बात कही। कहा कि सुशील गुप्ता अपनी गलतियों के कारण लोकसभा चुनाव हारे हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में आम आदमी पार्टी में भी घमासान शुरू हो गया है। रविवार को आप के किसान विंग के प्रदेश उपाध्यक्ष कर्ण सिंह धनखड़ और शिक्षा विंग के प्रदेश संयुक्त मंत्री अमलदीप राविश को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
इन दोनों पदाधिकारियों ने सोमवार को करनाल के एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आप के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उनका निलंबन आदेश और उन्हें प्रदेशाध्यक्ष मानने से इनकार कर दिया है। अब ये मामला मंगलवार को करनाल आ रहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के सामने उठ सकता है।
कर्ण सिंह धनखड़ ने कहा कि वह किसान विंग के प्रदेश उपाध्यक्ष होने के साथ संस्थापक सदस्य भी हैं, अपनी बात रखने का मौका व बिना कोई नोटिस दिए, प्रदेशाध्यक्ष सुशील गुप्ता ने सीधे उन्हें निलंबन आदेश थमा दिया है। जिससे वह काफी परेशान हैं। ये कार्य किसी और ने कर दिया हो, ये सोचकर उन्होंने इसकी शिकायत रोहतक थाने में भी दी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सुशील गुप्ता ने चुनाव में दो लाख रुपये का चंदा मांगा था लेकिन नहीं देने पर उन्होंने देख लेने की बात कही थी, शायद देख लेने का उनका तरीका यही होगा, जिससे उन्हें सीधे निलंबित कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि वह अरविंद केजरीवाल के सिपाही हैं, उनके इशारे पर ही 13 सालों से अपने खर्च व संसाधनों से पार्टी का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में भी सुशील गुप्ता सभाओं में सिर्फ कांग्रेस का ही प्रचार करते थे। अब आप के कार्यकर्ताओं को कांग्रेस प्रेमी अध्यक्ष नहीं चाहिए। छह साल से आम आदमी पार्टी जहां थी वहीं खड़ी है। उन्होंने कहा कि 25 जून को अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल करनाल रही हैं, यहां समय मिला तो उनसे मिलकर अपनी बात रखेंगे। अन्यथा अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखेंगे और विरोध जारी रखेंगे।
इससे पहले अमलदीप राविश ने खुद को केजरीवाल का सिपाही बताते हुए कहा कि सुशील गुप्ता ने उन्हें निलंबित किया है लेकिन वह उन्हें प्रदेशाध्यक्ष नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि सुशील गुप्ता अपनी गलतियों के कारण लोकसभा चुनाव हारे हैं।
किसी से चंदा नहीं लिया : डाॅ. सुशील गुप्ता
आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि दोनों पदाधिकारियों की पार्टी विरोधी गतिविधियों की शिकायतें आने के बाद उन्हें सस्पेंड किया गया है। उनके खिलाफ जो साक्ष्य हैं, उनकी जांच एक कमेटी को सौंप दी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कर्ण सिंह धनखड़ ही नहीं, किसी से भी कोई चंदा नहीं लिया गया है। ये आरोप निराधार हैं। समीक्षा बैठक में भी संबोधन में कह दिया गया था कि किसी से कोई चंदा नहीं लिया गया है।