मध्यप्रदेशराज्य

इंदौर-खंडवा रेल लाइन के लिए फिर कटेंगे एक लाख पेड़…

इंदौर-खंडवा रेल लाइन से पहले इंदौर-खंडवा इच्छापुर फोरलेन के लिए भी डेढ़ लाख से ज्यादा पेड़ भैरवघाट के जंगलों से काटे जा चुके है। इस प्रोजेक्ट में तीन सुरंगे भी वन क्षेत्र में बनी है। इसके अलावा घाट को खत्म कर ब्रिज भी बनाए जा रहे है।

इंदौर-खंडवा रेल परियोजना के लिए जमीन मिल गई है और अब जल्दी ही इस परियोजना पर रेलवे काम शुरू करेगा। रेल लाइन बिछाने के लिए रेल विभाग ने सर्वे किया है। इसमें एक लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाएंगे। वन विभाग ने इस महत्वपूर्ण रेल लाइन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है, जिससे अब इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाया जा सकेगा, लेकिन उससे पहले रेल विभाग को हरियाली की भरपाई भी करना होगी। उसे काटे गए पेड़ों की तीन गुना मात्रा में पौधे लगाना होंगे।

इस रेल लाइन की एनओसी वन विभाग में लंबे समय से अटकी हुई थी। रेलवे अधिकारियों और वन विभाग के बीच पिछले दिनों संयुक्त बैठक हुई। जिससे इस प्रोजेक्ट की बाधाएं दूर हुई। देरी होने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव तक भी मामला पहुंचा था। अब इस प्रोजेक्ट के लिए वन विभाग से अनुमति मिल गई है। रेल लाइन के लिए एक लाख पेड़ काटे जाना है। यह काम जल्दी शुरू होगा। यह रेल लाइन उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोड़ने वाला सबसे छोटा और सीधा रेल मार्ग साबित होगी,

पहले भी कट चुके है पेड़
इंदौर-खंडवा रेल लाइन से पहले इंदौर-खंडवा इच्छापुर फोरलेन के लिए भी डेढ़ लाख से ज्यादा पेड़ भैरवघाट के जंगलों से काटे जा चुके है। इस प्रोजेक्ट में तीन सुरंगे भी वन क्षेत्र में बनी है। इसके अलावा घाट को खत्म कर ब्रिज भी बनाए जा रहे है। उधर अब इस क्षेत्र में इंदौर-खंडवा रेल लाइन का काम भी शुरू होगा। इस रेल लाइन के पूरा होने के बाद इंदौर का संपर्क सीधे होगा। देश के दूसरे शहरों में जाने वाले यात्रियों को ओंकारेश्वर ज्योर्तिंलिंग जाने में रेल सुविधा मिलेगी।

इंदौर से खंडवा रेल मार्ग जुड़ने के बाद भुसावल,नासिक-मुंबई की ओर की कनेक्टिविटी मिल जाएगी। इसके अलावा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों से इंदौर सीधे जुड़ जाएगा। मालवा व निमाड़ के किसानों व व्यापारियों को अपनी उपज दक्षिण भारत के राज्यों में भेजने में अासानी होगी।

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