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इंदौर: देवी अहिल्या जयंती के बहाने महिला वर्ग को साधने में सरकार ने बाकी नहीं रखी कोई कसर

चाहे इंदौर के आयोजन हो या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भोपाल की सभा। सभी जगह महिला सशक्तिकरण पर फोकस किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में आपरेशन सिंदूर, लखपति दीदी, सेना में महिला वर्ग को प्राथमिकता जैसे विषय को महत्व दिया।

मालवा राज्य की महारानी देवी अहिल्या बाई की 300 वीं जयंती इंदौर सहित देश भर में मनाई गई। इसमें भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों ने महिला सशक्तिकरण का संदेश देने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। पिछले साल उनकी जयंती पर इंदौर में जो कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उसमें साधु संतो की मौजूदगी यह इशारा कर रही थी कि विरासत से विकास की थीम को भाजपा की सरकार आगे ले जाना चाहती है।

देवी अहिल्या ने अयोध्या, काशी विश्वनाथ समेत कई धार्मिक नगरों में विकास कार्य कराए थे। इंदौर में जब मोहन सरकार की कैबिनेट बैठक रखी गई, तब भी विरासत से विकास तक की टैगलाइन हर जगह नजर आई। तीन माह पहले जब महेश्वर में कैबिनेट बैठक रखी गई थी, तो वहां भी प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया,लेकिन 31 मई देवी अहिल्या की जयंती पर हुए आयोजनों में महिला वर्ग को महत्व देकर भाजपा सरकार ने महिलाओं को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

चाहे इंदौर के आयोजन हो या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भोपाल की सभा। सभी जगह महिला सशक्तिकरण पर फोकस किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में आपरेशन सिंदूर, लखपति दीदी, सेना में महिला वर्ग को प्राथमिकता जैसे विषय को महत्व दिया।

मेट्रो स्टेशनों के नाम अचानक बदले
इंदौर में मेट्रो का पहली बार चलना भी महिला वर्ग को समर्पित रहा। मेट्रो स्टेशनों के नाम महिला विरांगनाओंं के नाम पर रखे गए। एक दिन पहले मेट्रो स्टेशनों की नाम पट्टिकाएं बदली गईं। जयंती की पूर्व संध्या पर इंदौर के 30 से ज्यादा चौराहों पर महिलाओंं ने ट्रैफिक संभाला।

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