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इंदौर में तैयार हुआ सिविल अस्पताल, 14 जुलाई को होगा लोकार्पण

नन्दानगर के इस नए अस्पताल में वह सारी सुविधाएं होंगी जो 50 बेड के सिविल हॉस्पिटल में होती है। ऑपरेशन थियेटर और पैथालॉजी लैब के अलाव आईसीयू बेड भी रहेंगे। फिलहाल अस्पताल में डाक्टर्स सहित लगभग 30 कर्मचारियों का स्टाफ रखा गया है।

इंदौर की 65 साल पुरानी काॅलोनी नंदानगर में आठ करोड़ की लागत से सिविल अस्पताल बनकर तैयार हो गया है। इस माह अस्पताल का लोकार्पण होगा। पहले यह अस्पताल प्रसूति अस्पताल था, लेकिन अब पचास बेड के इस अस्पताल में आपरेशन भी हो सकेंगे और जांचों की सुविधा भी रहेगी। इस सिविल हॉस्पिटल में ऑक्सीजन पाइप लाइन के अलावा मेडिकल जांच और इलाज से सम्बन्धित सारे संसाधन जुटा लिए गए।

इस पांच मंजिला अस्पताल का काम तीन साल पहले शुरु हुआ था। पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर नई बिल्डिंग बनाई गई। तलघर में पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है। अस्पताल में तो लिफ्ट भी लगाई गई है।

नन्दानगर के इस नए अस्पताल में वह सारी सुविधाएं होंगी जो 50 बेड के सिविल हॉस्पिटल में होती है। ऑपरेशन थियेटर और पैथालॉजी लैब के अलाव आईसीयू बेड भी रहेंगे। अस्पताल में पुस्र्ष और महिला के अलावा बच्चों के अलग-अलग वार्ड होंगे। फिलहाल अस्पताल में डाक्टर्स सहित लगभग 30 कर्मचारियों का स्टाफ रखा गया है। इस सिविल हॉस्पिटल का वर्चुअली भूमिपूजन पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने 28 मई 2022 को किया था। 14 जुलाई को अस्पताल के लोकार्पण की तैयारी की जा रही है।

65 साल पहले बना था अस्पताल
इंदौर की श्रमिक काॅलोनी नंदानगर 65 साल से भी ज्यादा पुरानी है। काॅलोनी का लोकार्पण तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने किया था। तब यहां पर अस्पताल,श्रमिक विद्यापीठ, स्कूल भी बनाए गए थे। उस वक्त प्रसूति अस्पताल भी बना था। पुरानी बिल्डिंग काफी खराब हो चुकी थी। उसे तोड़कर स्वास्थ्य विभाग ने नई बिल्डिंग बनाई और अस्पताल की सुविधाएं भी बढ़ाई। इंदौर में सालभर पहले कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल भी बनकर तैयार हो चुका है। 300 करोड़ रुपये की लागत से बने अस्पताल में 500 से ज्यादा मरीज हर दिन इलाज के लिए आते है।

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