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इंदौर: सब्जियों के बढ़ते दाम से जनता परेशान…

खुदरा बाजार में हरी सब्जियों की कीमतें 80 रुपये प्रति किलो से शुरू होकर 120 से 140 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। टमाटर भी 60 से 80 रुपए किलो तक मिल रहा है।

इंदौर में सब्जियों की कीमतों में अचानक हुई बढ़ोतरी से आम जनता की जेब पर भारी असर पड़ रहा है। खुदरा बाजार में हरी सब्जियों की कीमतें 80 रुपये प्रति किलो से शुरू होकर 120 से 140 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। टमाटर 60 से 80 रुपए किलो मिल रहा है। पिछले दो हफ्तों से यह स्थिति बनी हुई है, और व्यापारी भी इस महंगाई से राहत जल्द मिलने के आसार नहीं देख रहे हैं।

त्योहार से बढ़ गई डिमांड
त्योहारी सीजन के चलते सब्जियों की मांग बढ़ी है। लोग उम्मीद कर रहे थे कि दीपावली के बाद कीमतें घटेंगी, लेकिन अभी भी राहत के संकेत नहीं हैं। थोक बाजारों में भले ही सब्जियां सस्ती हैं, लेकिन खुदरा बाजार में इन पर दोगुना दाम वसूला जा रहा है। दीपावली के अवकाश के बाद से थोक सब्जी मंडी में व्यापार शुरू तो हो चुका है, लेकिन खुदरा दुकानों पर इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ा है।

सब्जियों की आवक कम है अभी
कारोबारी इमरान राईन के अनुसार, अभी त्योहारी मौसम चल रहा है और शनिवार को गोवर्धन पूजा मनाए जाने के कारण अधिकतर किसान सब्जियां बेचने थोक मंडी में नहीं आएंगे। इस वजह से अगले कुछ दिनों तक सब्जियों की आवक कम रहने का अनुमान है। इसके चलते भाई दूज तक सब्जियों के दामों में और बढ़ोतरी हो सकती है।

बारिश से भी हुआ नुकसान
इंदौर के प्रमुख थोक व्यापारी सलीम चौधरी का कहना है कि हाल ही में हुई बारिश ने आसपास के क्षेत्रों में सब्जियों की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। अब जो सब्जियां मंडी में आ रही हैं, वे निमाड़ के नर्मदा नहर वाले इलाकों से हैं। सीमित आपूर्ति और बढ़ती मांग के कारण ही कीमतें ऊंची बनी हुई हैं। चौधरी का मानना है कि ठंड के मौसम में जब नई फसल की आवक शुरू होगी, तभी कीमतों में गिरावट संभव है। हालांकि, इसमें भी एक महीना और लग सकता है।

यह चल रहे हैं रेट
मंडी में मटर और सूरजना फली सबसे महंगी बिक रही हैं। इन दोनों सब्जियों का थोक मूल्य भी 100 रुपये किलो से अधिक है। इसके अलावा गिलकी, ककड़ी, हरी मिर्च, भिंडी, टिंडा जैसी सब्जियां थोक मंडी में 60 से 80 रुपये किलो के दाम पर उपलब्ध हैं। वहीं, कद्दू और लौकी जैसी सब्जियां केवल 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रही हैं। खेरची बाजार में इन्हें अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है। इस कीमत वृद्धि का प्रमुख कारण खुदरा बाजार में लिया जा रहा मुनाफा है। थोक और खुदरा बाजार में कीमतों में बड़ा अंतर है, जो उपभोक्ताओं के लिए चुनौती बन रहा है। व्यापारी मानते हैं कि आगामी दिनों में ठंड बढ़ने के साथ नई फसल की आवक से ही राहत मिलेगी।

कुल मिलाकर, इंदौर के लोग सब्जियों की बढ़ी हुई कीमतों के कारण प्रभावित हो रहे हैं। आसमान छूती इन कीमतों ने आम लोगों के बजट पर दबाव बढ़ा दिया है। यदि आने वाले समय में सब्जियों की आवक में सुधार नहीं होता, तो कीमतें और भी बढ़ सकती हैं।

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