जीवनशैली

इजरायल में कहर बरपा रहा वेस्ट नाइल वायरस

इन दिनों इजरायल में वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus) का प्रकोप देखने को मिल रहा है। यहां अब तक 21 लोगों में इसकी पहचान की जा चुकी है। यह मच्छरों से फैलने वाला एक वायरस है जो वेस्ट नाइल फीवर का कारण बनता है। इससे संक्रमित व्यक्ति को आमतौर पर बुखार थकान सिरदर्द शरीर में दर्द मतली-उल्टी जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है।

मध्य पूर्वी देश इजरायल इन दिनों वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus) की चपेट में नजर आ रहा है। यहां पिछले कुछ दिनों से लगातार वेस्ट नाइल वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से रविवार को हुए घोषणा के मुताबिक मौजूदा समय में 21 लोगों में इस वायरस की पहचान की गई है।

वहीं, इनमें से 17 लोगों को न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इतना ही नहीं इस संक्रमण की वजह से अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है और तीन लोग गंभीर हालत में वेंटिलेटर पर हैं। आइए जानते हैं क्या है यह वायरस और इसके लक्षण-

क्या है वेस्ट नाइल वायरस?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक वेस्ट नाइल वायरस (WNV) आमतौर पर अफ्रीका, यूरोप, मध्य पूर्व, उत्तरी अमेरिका और पश्चिम एशिया में पाया जाता है। यह मच्छरों के काटने से फैलता है और लोगों में नर्वस संबंधी बीमारी और मौत का कारण बन सकता है। इससे मनुष्य, घोड़े और अन्य स्तनधारी संक्रमित हो सकते हैं।

वेस्ट नाइल वायरस (WNV) फ्लेविवायरस जीनस का सदस्य है और फ्लेविविरिडे परिवार के जापानी इन्सेफलाइटिस एंटीजेनिक कॉम्प्लेक्स से संबंधित है।

वेस्ट नाइल वायरस के लक्षण
WHO के मुताबिक लगभग 80% संक्रमित लोगों में WNV का संक्रमण या तो बिना लक्षण के होता है या फिर वेस्ट नाइल फीवर या गंभीर वेस्ट नाइल फीवर का कारण बन सकता है। WNV से संक्रमित होने वाले लगभग 20% लोगों में वेस्ट नाइल फीवर विकसित होता है। इसके लक्षणों में निम्न शामिल हैं-

  • बुखार
  • थकान
  • सिरदर्द
  • शरीर में दर्द
  • मतली-उल्टी
  • लिम्फ ग्लैंड्स में सूजन
  • कभी-कभी त्वचा पर चकत्ते

गंभीर वेस्ट नाइल फीवर के लक्षणों में निम्न शामिल हैं-

  • सिरदर्द
  • तेज बुखार
  • गर्दन में अकड़न
  • कोमा
  • कंपकंपी
  • ऐंठन
  • मांसपेशियों में कमजोरी
  • पैरालिसिस

किन लोगों को खतरा ज्यादा?

वैसे तो यह वायरस किसी को भी अपना शिकार बना सकता है, लेकिन 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में इसके गंभीर लक्षण और जटिलताएं विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है। साथ ही कमजोर इम्युनिटी, कैंसर, डायबिटीज, किडनी की समस्या, ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसी किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों को भी इसका खतरा ज्यादा होता है।

वेस्ट नाइल फीवर से कैसे करें बचाव?

  • यह बीमारी आमतौर पर मच्छरों के काटने से फैलती है, इसलिए इससे बचने के लिए मच्छरों से बचाव करना जरूरी है।
  • इसके लिए घर से बाहर निकलते समय खासकर मानसून के मौसम में, अपने पूरे शरीर पर ओडोमोस लगाएं या मच्छर भगाने वाली दवा का इस्तेमाल करें।
  • मच्छरों के काटने से बचने के लिए लंबी बाजू वाली शर्ट और फुल पैंट पहनें। कोशिश करें कि जितना हो सके अपने आप को ढककर रखें।
  • सुबह और शाम के समय बाहरी गतिविधियां कम से कम करने की कोशिश करें, क्योंकि इसी समय मच्छर सबसे अधिक सक्रिय होते हैं।
  • घरों में मच्छरों को घुसने से रोकने के लिए अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें। खासकर समय घर के अंदर ही रहें।

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