
साल 2025 में पंजाब का सियासी पारा चढ़ा रहा। विधानसभा के दो उपचुनाव हुए और साल के अंत में आठ साल से लंबित जिला परिषद व पंचायत समिति के आम चुनाव भी करवाए गए। दबदबा आप का रहा और अन्य दल चिंतन-मंथन में जुटे रहे।
सियासत का सिकंदर बनने के लिए उठापटक का दौर भी चलता रहा। नेताओं के साथ विवाद जुड़े तो इस लपेटे में नौकरशाह भी आ गए। एक आईपीएस अफसर ने निलंबन तो दूसरे ने जबरन छुट्टी की कार्रवाई झेली। पंजाब पुलिस के एक अफसर को भारतीय निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश होना पड़ा। पंजाब का एक बड़ा सियासी दल टूटा तो एक विधायक पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए विदेश भाग गए। एक विधायक को सजा हुई। अगले साल सियासी सरगर्मियां और तेज होंगी, क्योंकि पंजाब में विधानसभा का आम चुनाव आने वाला है…।
शिरोमणि अकाली दल दोफाड़
पंजाब की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने अगस्त में दोफाड़ की स्थिति झेली जो इस साल सूबे में सबसे बड़ी सियासी हलचल रही। पंजाब की पंथक राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ और श्री अकाल तख्त की भर्ती कमेटी ने नई पंथक पार्टी शिअद (पुनगर्ठित) का गठन किया जिसका नेता पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को बनाया गया। बीबी सतवंत कौर को पंथक कमेटी का अध्यक्ष घोषित किया। दूसरी ओर आगामी चुनावों के मद्देनजर शिअद के अध्यक्ष सुखबीर बादल अकाली एकता के लिए पूरी शिद्दत से जुटे हैं और मंचों से सभी नाराज साथियों से शिकवे भूलकर दोबारा एकजुट होने की अपील कर रहे हैं।
आप को मिला सियासी बल
जून में लुधियाना पश्चिमी वेस्ट, नवंबर में तरनतारन उपचुनाव हुआ और दिसंबर में जिला परिषद व पंचायत समिति के चुनाव हुए। हालांकि इस दाैरान आप, कांग्रेस, भाजपा, शिअद समेत अन्य सभी सियासी दलों ने जीत के लिए खूब जोरआजमाइश की मगर बल आम आदमी पार्टी को मिला। पहले लुधियाना में आप के संजीव अरोड़ा जीतें और मंत्री बने। उसके बाद पंथक हलके तरनतारन में आप ने शिअद के गढ़ में सेंधमारी कर आप ने जीत दर्ज की। उसके बाद जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव में भी आप ने जबरदस्त जीत हासिल की।
एसएसपी निलंबित तो दूसरे को छुट्टी पर भेजा
चुनाव में आरोप-प्रत्यारोपों की आंच आईपीएस अफसरों तक पहुंची। तरनतारन उपचुनाव से तीन दिन पहले भारत चुनाव आयोग ने तरनतारन की एसएसपी डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल को आरोपों के चलते निलंबित कर दिया। दो डीएसपी के तबादले भी किए गए। उधर जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव में पटियाला पुलिस की कथित वायरल ऑडियो रिकॉर्डिंग के मामले में एसएसपी वरुण शर्मा को अचानक छुट्टी पर भेज दिया गया है। यह कार्रवाई भी शिअद की शिकायत पर हुई और मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। इसके अलावा पंजाब पुलिस के एक आला अफसर को भारतीय चुनाव आयोग के समक्ष पेश होकर अपनी सफाई देनी पड़ी।
ऑस्ट्रेलिया भागे पठानमाजरा
दुष्कर्म मामले में आरोपी पंजाब के पटियाला जिले के सनौर हलके के आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा ऑस्ट्रेलिया भाग चुके हैं। यह घटना भी खासी चर्चा में रही। पठानमाजरा को पंजाब पुलिस दो महीने से ढूंढ रही थी। वहां पहुंचकर उन्होंने एक निजी चैनल को इंटरव्यू भी दे दिया। इस दाैरान पठानमाजरा ने उन पर दर्ज केस को झूठा बताते हुए आप सरकार पर तीखा हमला बोला।
राजा वड़िंग पर एफआईआर
पंजाब कांग्रेस के प्रधान और लुधियाना से अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग तरनतारन उपचुनाव के दौरान कई विवादों में फंसे रहे। पार्टी उम्मीदवार के प्रचार के दौरान उन्होंने दो सिख बच्चों के केश (सिर पर बांधे जूड़े) को हाथ से पकड़ कर टिप्पणी कर दी। घटना का वीडियो सामने आते ही वड़िंग का विरोध शुरू हो गया। इसे सिख मर्यादा का अपमान बताया गया। राजा जी यहीं नहीं ठहरे भारत के पूर्व गृहमंत्री के संबंध में आपत्तिजनक बयान दे गए। इसके बाद खिलाफ कपूरथला में एफआईआर दर्ज की गई। पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने भी उन्हें तलब किया।
अनमोल ने चाैंकाया
खरड़ से आम आदमी पार्टी की विधायक अनमोल गगन मान ने विधानसभा से अचानक इस्तीफा दे दिया है। मान ने इस फैसले से आप में खासी हलचल हुई। कारण क्या रहे, इसका खुलासा आज तक नहीं हुआ मगर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से मिलने के बाद वह मान गईं और इस्तीफा वापस ले लिया। अनमोल गगन मान पंजाब सरकार में पर्यटन मंत्री रह चुकी हैं। उन्होंने पंजाबी गायिका से मंत्री तक का सफर तय किया था मगर बाद में मंत्री पद चला गया।
गोली लगने से विधायक की मौत
जनवरी में लुधियाना पश्चिम सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत गोगी बस्सी की रात सिर में गोली लगने से मौत हो गई। आप विधायक को परिवार के सदस्यों की ओर से अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिवार के सदस्यों के अनुसार गोगी अपनी रिवॉल्वर साफ कर रहे थे, तभी दुर्घटनावश रिवॉल्वर से चली और उनके सिर में जा लगी। यह घटना सियासी जगत में चर्चित रही और आप ने एक विधायक खो दिया।
चुनाव से पहले आप के हुए अकाली नेता
तरनतारन उपचुनाव से पूर्व तीन बार विधायक रहे शिरोमणि अकाली दल के नेता हरमीत सिंह संधू अचानक आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। शिअद हैरान रह गई, क्योंकि शिअद ने उन्हीं पर दांव खेलना था। आप ने संधू को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया और संधू जीत गए। शिअद को दूसरा चेहरा ढूंढ़कर उन्हें मैदान में उतारना पड़ा।
विधायक को सजा
छेड़छाड़ और मारपीट के 12 साल पुराने मामले में खडूर साहिब से आप विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को सुनाई गई चार साल की सजा के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक भी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय रही। उनकी सदस्यता पर भी तलवार लटकी हुई है। इसी साल 10 सितंबर को तरनतारन की अदालत ने विधायक लालपुरा को दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई थी।


