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इलाहाबाद हाईकोर्ट: एएसआई 48 घंटे के अंदर दाखिल करे जवाबी हलफनामा

संभल की जामा मस्जिद सर्वे केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई को जवाब दाखिल करने के लिए 48 घंटे का अंतिम मौका दिया है। मस्जिद कमेटी को भी प्रत्युत्तर हलफनामा दायर करने का आखिरी अवसर मिला है। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख पांच मई तय की है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल जामा मस्जिद के सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ दाखिल पुनरीक्षण अर्जी पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को 48 घंटे के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह अंतिम अवसर है।

वहीं, कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को भी प्रत्युत्तर हलफनामा दायर करने का अंतिम अवसर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने जामा मस्जिद संभल की प्रबंधन समिति की ओर से दाखिल अर्जी पर दिया है।

बता दें कि सिविल न्यायालय संभल ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। इसके खिलाफ मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में पुनरीक्षण अर्जी दाखिल की है। इस पर कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए सर्वेक्षण पर रोक लगा दी। साथ ही सभी प्रतिवादियों से जवाब मांगा था।

एएसआई ने अभी तक अपना जवाब दाखिल नहीं किया है। सोमवार को एएसआई के वकील ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए फिर से समय मांगा। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कई बार एएसआई को जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए समय दिया गया है।

अब आखिरी बार 48 घंटे का समय दिया जा रहा है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए पांच मई की तिथि नियत की है।

जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर के मामले में सुनवाई की तिथि बढ़ाई
जामा मस्जिद में हरिहर होने के दावे के मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन के न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए तीन जुलाई की तारीख नियत कर दी है। हालांकि इस मामले में शीर्ष न्यायालय ने निचली अदालतों को सुनवाई करने पर रोक लगा दी है।

बता देंं कि 19 नवंबर 2024 को अधिवक्ता हरिशंकर जैन समेत आठ लोगों ने सिविल जज सीनियर डिविजन आदित्य कुमार सिंह के न्यायालय में संभल की शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए वाद दायर किया था।

उसी दिन न्यायालय ने कोर्ट कमिशन नियुक्त कर दिया। उसी शाम को कोर्ट कमिश्नर ने डीएम और एसपी की मौजूदगी ने शाही जामा मस्जिद का सर्वे किया था। दोबारा सर्वे के दौरान बवाल हो गया था।

जामा मस्जिद के अधिवक्ता शकील वारसी ने बताया कि 24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा के बाद जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट चली गई। जिसके बाद शीर्ष न्यायालयों ने निचली अदालतों पर इस मामले में सुनवाई किए जाने पर रोक लगा दी।

प्रोसेसिंग स्टे कर दिया। वहीं इस मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन के न्यायालय में सुनवाई होनी थी। शीर्ष न्यायालय के द्वारा प्रोसेसिंग स्टे होने पर कोई पक्ष सुनवाई को नहीं पहुंचा। जिससे न्यायालय ने अगली तारीख तीन जुलाई नियत कर दी है।

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