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ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका की एंट्री स्टॉक मार्केट में मचाएगी कोहराम

ईरान-इजरायल के बीच चल रही जंग से निवेशकों के बीच चिंता बनी हुई थी। अब इसमें खुले तौर पर अमेरिका की भी एंट्री हो गई है। जिसने निवेशकों के बीच डर को और ज्यादा बढ़ा दिया है। निवेशकों का कहना है कि जब बाजार खुलेगा तो इसमें भयंकर गिरावट देखने को मिल सकती है। तेल की कीमतें भी बढ़ सकती हैं। इसका असर दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भी जोरदार पड़ने वाला है। हालांकि यह कमेंट दुनिया के स्टॉक के मार्केट को लेकर दिया गया है। इसमें खासतौर से अमेरिका के बाजार को फोकस किया है। भारत के शेयर बाजार पर इसका क्या असर पड़ेगा यह अभी स्पष्ट नहीं है।

अमेरिकी के इस जंग में कूदने की वजह से स्टॉक मार्केट में जोरदार बिकवाली होने की संभावना है। साथ व्यापार शुरू होने पर डॉलर और अन्य सुरक्षित-संपत्तियों के लिए संभावित बोली लग सकती है। ट्रम्प ने हमले को जरूर “सफल” बताया है, लेकिन इसके बारे में बहुत कम जानकारियां सामने आईं हैं।

पोटोमैक रिवर कैपिटल के मुख्य निवेश अधिकारी मार्क स्पिंडल ने बताया कि, “मुझे लगता है कि बाजार के शुरुआती रुझानों में गिरावट देखने को मिलेगी। तेल की कीमतें जोरदार उछाल के साथ खुलेंगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास कोई नुकसान का आकलन नहीं है और इसमें कुछ समय लगेगा।

आगे क्या होगा?

एक्सपर्ट के मुताबिक बाजार में अनिश्चितता के बादल ढक गए हैं, अब हर जगह अमेरिका की सच्चाई सामने आ रही है। जो कि अस्थिरता को और बढ़ाने का काम कर रहा है। इससे खासकर तेल के दामों सबसे ज्यादा उथल-पुथल देखने को मिलेगी। हालांकि, स्पिंडल ने कहा कि बाजार खुलने से पहले इस खबर को पचाने के लिए समय है।

तेल की कीमत और महंगाई बढ़ेगी

बाजारों के लिए मुख्य चिंता मध्य पूर्व में होने वाले घटनाक्रमों का तेल की कीमतों और इस प्रकार महंगाई पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव के इर्द-गिर्द केंद्रित होगी। महंगाई में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं का विश्वास कम हो सकता है और निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो सकती है। क्रेसेट कैपिटल के मुख्य निवेश अधिकारी जैक एबलिन ने कहा, “इससे जोखिम की एक नई जटिल परत जुड़ जाती है, जिस पर हमें विचार करना होगा और ध्यान देना होगा।”

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