मध्यप्रदेशराज्य

उज्जैन बाबा महाकाल की पहली सवारी कल, सावन-भादौ महीने सात सवारियां निकलेंगी

अवंतिका नगरी के राजा बाबा महाकाल सावन महीने की प्रथम सवारी पर प्रजा का हाल जानने और नगर भ्रमण पर निकल रहे हैं। कल सोमवार को बाबा महाकाल की यह सवारी भी धूमधाम से नगर में निकाली जाएगी। इस सवारी में बाबा महाकाल पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा को दर्शन देंगे।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मुलचन्द्र जुनवाल ने बताया कि श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पहले मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी मे विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी दी भी जाएगी। सावन महीने की पहली सवारी कल 22 जुलाई को निकाली जाएगी। भादौ महीने में भगवान महाकाल की अंतिम शाही सवारी 2 सितंबर को निकाली जाएगी। सावन महीने में पांच सवारी और भादौ महीने में दो सवारियां निकाली जाएंगी। सावन-भादौ महीने में निकलने वाली सवारियों के सवारियां क्रमश:  सोमवार 22 जुलाई, सोमवार 29 जुलाई, सोमवार 5 अगस्त, सोमवार 12 अगस्त, सोमवार 19 अगस्त, सोमवार 26 अगस्त और शाही सवारी सोमवार 2 सितंबर को निकाली जाएगी।

यह रहेगा सवारी मार्ग…..
बाबा महकाल की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में पूजा-अर्चना करने के बाद अपने निर्धारित समय पर शुरू होकर मंदिर के मुख्य द्वार र पहुंचेगी, यहां सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री महाकाल को सलामी दी जाएगी। इसके सवारी गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। शाही सवारी 2 सितंबर को उपरोक्त मार्ग के अलावा टंकी चौराहा से मिर्जा नईमबेग, तेलीवाड़ा चौराहा, कंठाल, सतीगेट, सराफा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

सावन-भादौ महीनें में भस्म आरती का समय बदलेगा 
सावन-भादौ महीने में भगवान श्री महाकालेश्वर की भस्म आरती का समय बदलेगा रहेगा। 22 जुलाई से 2 सितंबर तक मंदिर के पट खुलने का समय प्रात: 3 बजे होगा। प्रत्येक सोमवार को भस्म आरती का समय प्रात: 2.30 बजे होगा। अन्य दिनों में भस्म आरती प्रात: 3 से 5 बजे तक होगी, लेकिन प्रत्येक सोमवार को 2.30 से 4.30 बजे तक होगी।

श्री महाकालेश्वर भगवान को जल अर्पित कर सकेंगे भक्त 
श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप और कार्तिकय मंडप की ओर से आने वाले भक्त श्री महाकालेश्वर भगवान को जल अर्पित कर सकेंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान को जल अर्पित करने के लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप व कार्तिकेय मंडप में व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक और अपर कलेक्टर मृणाल मीना ने बताया- सावन और भाद्रपद महीने में भक्तों की संख्या को देखते हुए जलपत्रों के स्वरूप का विस्तार किया गया है। जिसमे जल अर्पित करने की ट्रे को बढ़ाया गया है। श्रद्धालु उक्त स्थान पर लगे जल पात्र में जल अर्पित करेंगे। श्रद्धालुओं द्वारा अर्पित किया गया जल पाइप के माध्यम से मंदिर के गर्भगृह में लगे अभिषेक पात्र के जरिए भगवान श्री महाकालेश्वर को समर्पित होगा। इसके अलावा दर्शन के दौरान भी जल अर्पण के लिए गणेश मंडप में भी स्टील का पात्र रखा जाएगा।

मनमाने पैसा वसूलने वाले होटलों को किया जाएगा सील
कलेक्टर मृणाल सिंह ने बताया कि निर्धारित रेट लिस्ट से अधिक पैसा लेने वाले होटलों को सील किया जाएगा। साथ ही उनके पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशानुरूप बाबा महाकाल की सवारी में जनजातीय कलाकारों का दल भी सहभागिता करेगा।चलित रथ के माध्यम से सवारी का होगा निर्बाध प्रसारण
सवान-भादों महीने में प्रत्येक सोमवार को निकाली जाने वाली सवारी के लिए 2 चलित रथ से बाबा महाकाल की सवारी का लाइव प्रसारण किया जाएगा। इससे श्रद्धालुओं को सवारी में बाबा महाकाल के श्री विग्रह में दर्शन आसानी से होंगे।

सवारी में 2000 से अधिक का पुलिस बल रहेगा तैनात
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि बाबा महाकाल की सवारियों के दौरान सुरक्षा व्यवस्थाए बनाए रखने के लिए 2000 से अधिक का पुलिस बल और वॉलिंटियर्स तैनात किए जाएंगे। सवारी मार्ग पर पड़ने वाली विभिन्न गलियों का वेरिफिकेशन किया जा चुका है। रविवार सुबह से भौतिक सत्यापन की कार्रवाई भी की जाएगी। पांच ड्रोन के माध्यम से संपूर्ण सवारी मार्ग की निगरानी की जाएगी। श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन और यातायात प्रबंधन के लिए डबल लेयर बैरिकेडिंग की गई है। यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए बफर जोन बनाया गया है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संदिग्ध लोगों की जांच कर बाउंडओवर और प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जा रही है। पार्किंग व्यवस्था में प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे जो यह सुनिश्चित करेंगे कि श्रद्धालुओं से निर्धारित शुल्क से अधिक न लिया जाए। अल्कोहल टेस्ट डिवाइस के माध्यम से वाहन चालकों की चेकिंग की जाएगी।

मंदिर में यह रहेगी दर्शन व्यवस्था
सामान्य श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था: श्री महाकालेश्वर मंदिर में सामान्य श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था के लिए प्रवेश त्रिवेणी संग्रहालय के समीप से- नंदीद्वार- श्री महाकाल महालोक- मानसरोवर भवन-फेसेलिटी सेंटर 01 – टनल मंदिर परिसर- कार्तिक मंडपम- गणेश मंडपम से भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन करेंगे। साथ ही भारत माता मंदिर की ओर से प्रशासनिक कार्यालय के सम्मुख से आने वाले श्रद्धालु शंख द्वार से मानसरोवर भवन में प्रवेश कर- फेसेलिटी सेंटर 01- टनल मंदिर परिसर – कार्तिक मंडपम- गणेश मंडपम से दर्शन उपरांत निर्गम द्वार (निर्माल्य द्वार) या नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से सीधे बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।

शीघ्र दर्शन (250 रुपये) टिकिटधारी श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था

द्वार नंबर 04 के रास्ते-विश्रामधाम-रेम्प- सभा मंडपम होते हुए- गणेश मंडपम से भगवान श्री महाकालेश्वर जी के दर्शन करेंगे। द्वार नम्बर 01 के रास्ते- फेसेलिटी सेंटर 01- व्यूकटर के रास्ते- मंदिर परिसर – कार्तिक मंडपम -गणेश मंडपम से भगवान श्री महाकालेश्वर जी के दर्शन करेंगे। दर्शन उपरांत निर्गम द्वार (निर्माल्य द्वार) अथवा नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से मंदिर से बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।

कावड़ यात्रियों की दर्शन व्यवस्था: श्री महाकालेश्वर मंदिर में सावन-भादौ महीने में अधिक संख्या में कावड़ यात्रियों का आगमन बाबा महाकाल को जल अर्पण करने के लिए होता है। कावड़ यात्रियों को पूर्व सूचना दिए जाने पर शनिवार, रविवार और सोमवार को छोड़कर द्वार नंबर 04 से प्रवेश देकर विश्रामधाम-रेम्प- सभा मंडपम में जल पात्र के माध्यम से बाबा महाकाल को जल अर्पण करने की व्यवस्था निर्धारित रहेगी। द्वार नंबर 01 के रास्ते – फेसेलिटी सेंटर 01- टनल के रास्ते- मंदिर परिसर – कार्तिक मंडपम – गणेश मंडपम से भगवान श्री महाकालेश्वर जी को जल अर्पण करेंगे। ऐसे कावड़ यात्री जो बिना किसी पूर्व सूचना के सीधे मंदिर पहुंचते हैं या शनिवार, रविवार और सोमवार को कावड़ लेकर आते हैं तो उनकी दर्शन व्यवस्था सामान्य श्रद्धालु की तरह रहेगी। उक्त कावड़ यात्री कार्तिक मंडपम में लगे जल पात्र में जल अर्पण करेंगे।

भस्मार्ती में पंजीयनधारी श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था: सावन-भादौ महीने में भस्मार्ती में पंजीयनधारी श्रद्धालुओं के प्रवेश संबंधी व्यवस्था मानसरोवर भवन और द्वार नंबर 01 से निर्धारित रहेगी।

चलित भस्मार्ती दर्शन व्यवस्था: सावन-भादौ महीने में व्यवस्था के अनुसार अवंतिका द्वार से भस्मार्ती में चलित दर्शन की व्यवस्था निर्धारित रहेगी। भस्मार्ती के दौरान श्रद्धालु कार्तिकेय मंडपम की अंतिम तीन पंक्तियों से चलित भस्मार्ती दर्शन कर सकेंगे।

विशिष्ट और अतिविशिष्ट अतिथियों की दर्शन व्यवस्था: श्री महाकालेश्वर मंदिर में विशिष्ट और अतिविशिष्ट श्रद्धालु नीलकंठ मार्ग से होते सत्कार कक्ष में पहुंचेंगे। इसके बाद निर्माल्य द्वार से मंदिर में प्रवेश कर सूर्यमुखी द्वार के रास्ते नगाड़ा गेट से नंदी मंडपम/गणेश मंडपम के प्रथम बैरिकेट से भगवान श्री महाकालेश्वर जी के दर्शन करेंगे और इसी मार्ग से बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।

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