उत्तराखंड के जंगलों में किए गए अवैध कब्जों के खिलाफ आज से अभियान शुरू कर दिया जाएगा। वन विभाग के नए मुखिया विनोद सिंघल ने सरकार के निर्देश के बाद यह फैसला लिया है। सीसीएफ वन पंचायत डॉ. पराग मधुकर धकाते को अवैध कब्जे हटाने के लिए नोडल अधिकारी बनाया है। वन विभाग के मुताबिक, दस हजार हेक्टेअर से ज्यादा जंगलात की जमीन पर लोगों ने कब्जे कर इनमें धार्मिक स्थल, होटल, आवास, धर्मशालाएं आदि बनाई हैं।
पीसीसीएफ विनोद सिंघल ने बुधवार को चार्ज संभालने के बाद सबसे पहले वन भूमि पर अतिक्रमणों की रिपोर्ट अधिकारियों से तलब की। उन्होंने सीसीएफ धकाते को अतिक्रमणों की रिपोर्ट तैयार कर तत्काल कार्रवाई को कहा।
डा. धकाते ने बताया कि गुरुवार को सभी संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर अतिक्रमणों की डिटेल लेकर तत्काल कार्रवाई को कहा जाएगा। अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। वन भूमि पर जो भी धार्मिक स्थल, रेजीडेंशियल अतिक्रमण, आश्रम, धर्मशाला, रिजॉर्ट होंगे, उन्हें तत्काल हटाया जाएगा। अतिक्रमण के खिलाफ होने वाली कार्रवाई रिपोर्ट रोजाना सरकार को भेजी जाएगी। अतिक्रमण के चिन्हीकरण के लिए भी अभियान चलाया जाएगा।
तीन सौ अवैध धार्मिक स्थल किए चिन्हित
वन विभाग ने प्रदेश में अब तक तीन सौ से ज्यादा धार्मिक स्थलों को चिन्हित किया है, जो जंगलात की जमीन पर बने हैं। इन तक पहुंचने के लिए कच्चे-पक्के रास्ते भी बनाए गए हैं। संवेदनशील कार्बेट टाइगर रिजर्व और राजाजी टाइगर रिजर्व में भी अतिक्रमण किया गया है।
मुख्यमंत्री कर चुके हैं सख्ती का ऐलान
सीएम पुष्कर धामी जंगल की जमीन पर बने अवैध धर्मस्थलों के खिलाफ अभियान शुरू करने का ऐलान कर चुके हैं। धामी ने ऐसे लोगों से कब्जे खुद हटाने और ऐसा नहीं करने पर सख्ती करने की बात कही थी।