देहरादून, विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा में सभी 70 सीटों पर दावेदारों का पैनल तैयार होने के बाद अब नजरें दिल्ली पर टिक गई हैं। प्रत्याशियों के नाम की घोषणा पार्टी का केंद्रीय संसदीय बोर्ड करेगा और उसके पास सूची पहुंच गई है। किसे टिकट मिलता है और कौन इस दौड़ में पिछड़ेगा, इसे लेकर जल्द ही तस्वीर साफ हो जाएगी, लेकिन तब तक सभी दावेदारों के दिल की धड़कनें बढ़ी रहेंगी। चर्चा है कि कुछ दावेदारों ने दिल्ली की दौड़ भी लगा दी है।
भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति ने एक दिन पहले ही दावेदारों के पैनल को अंतिम रूप दिया था। रविवार को इसे पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दिया गया। यानी प्रत्याशी चयन को लेकर गेंद अब भाजपा के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के पाले में है। प्रत्याशी तय करने का जिम्मा उसी का है। ऐसे में टिकट के दावेदारों की धड़कनें भी बढ़ने लगी हैं।
यद्यपि, तमाम दावेदार पैनल में नाम होने पर फूले नहीं समा रहे, लेकिन मन में तमाम तरह की शंकाएं भी घर कर रही हैं। माना जा रहा कि पार्टी 10 से 15 उन विधायकों के टिकट भी काट सकती है, जिनका विभिन्न सर्वे में प्रदर्शन आशानुरूप नहीं रहा है। चर्चा तो ये भी है कि सभी दावेदारों ने टिकट के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगाया हुआ है। कुछ निरंतर अपने आकाओं के इर्द-गिर्द चक्कर काट रहे हैं तो कुछेक के दिल्ली जाने की चर्चा भी चल रही है।
प्रत्येक दावेदार का यही इच्छा है कि पार्टी उसका टिकट फाइनल कर दे, लेकिन एक सीट पर टिकट तो एक को ही मिलना है। ऐसे में सभी ने अपना पूरा ध्यान दिल्ली पर केंद्रित किया हुआ है। माना जा रहा है कि 21 जनवरी को नामांकन प्रकिया शुरू होने से पहले प्रत्याशियों की पहली सूची पार्टी नेतृत्व जारी कर सकता है। इसके बाद दूसरी सूची 21 से 25 जनवरी के बीच जारी होने की संभावना है। इस परिदृश्य के बीच दावेदारों के मध्य बेचैनी बढ़ना स्वाभाविक है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि हमने जमीनी स्तर से मिले फीडबैक के बाद सभी दावेदारों के पैनल को अंतिम रूप दे दिया है। अब पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड को प्रत्याशी चयन के संबंध में निर्णय लेना है। किसे कहां से चुनाव लड़ाना है, ये तय करने काम केंद्रीय नेतृत्व का है। वह जिन्हें भी प्रत्याशी बनाएगा, पूरा संगठन पार्टी की जीत के लिए जी-जान से जुटेगा।