उत्तराखंडराज्य

उत्तराखंड: बिजली घरों में कैपेसिटर बैंक लगाने की मंजूरी

उत्तराखंड के बिजली घरों और ट्रांसफार्मरों पर अब विद्युत भार कम होने वाला है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश के 61 बिजली घरों में पावर कैपेसिटर बैंक लगाने को मंजूरी दे दी है।68 करोड़ 81 लाख रुपये की लागत से एक साल के भीतर ये कैपेसिटर बैंक लगाए जाएंगे।

यूपीसीएल ने नियामक आयोग से 33 केवी सब स्टेशनों के ट्रांसफार्मरों पर कैपेसिटर बैंक (ऑटोमेटिक रिएक्टिव पावर सॉल्यूशन) लगाने की अनुमति मांगी थी। निगम का कहना है कि विद्युत लाइनों व ट्रांसफार्मर की रिएक्टिव पावर पर नियंत्रण पाया जा सकेगा, जिसकी वजह से अचानक लोड बढ़ जाता है।

लोड बढ़ने से जहां ट्रांसफार्मर फुंकने का खतरा होता है, तो वहीं उपभोक्ताओं को भी कई बार नुकसान हो जाता है। लगातार होने वाली विद्युत हानियों पर भी इससे नियंत्रण होगा। मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही अधिक उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन दिए जा सकेंगे।

यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार का कहना है कि कैपेसिटर बैंक लगाने से विद्युत व्यवस्था मजबूत हो जाएगी। इससे भविष्य में उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी। कहा, अब आयोग की मंजूरी के बाद निविदा के माध्यम से बैंक लगाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।

बता दें कि वर्तमान में कई शहरों में यूपीसीएल के बिजली घरों पर निर्धारित से अधिक लोड हो चुका है। कई मोहल्लों में भी लोड की वजह से बार-बार बिजली गुल होती है या फिर वोल्टेज कम आती रहती है।

आरटीडीएएस से बार-बार गुल नहीं होगी बिजली
प्रदेश में 25 हजार से कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों के 201 बिजली घरों में रियल टाइम डाटा एक्वीजिशन सिस्टम (आरटीडीएएस) नियंत्रण प्रणाली लगाई जा रही है। अब तक 19 बिजली घरों के 180 फीडरों पर ये प्रणाली स्थापित की जा चुकी है। यूपीसीएल एमडी अनिल कुमार ने बताया, इस प्रणाली के लगने से फीडर ट्रिप होने पर उसकी सूचना तत्काल एसएमएस के माध्यम से अवर अभियंता को मिल जाएगी। निर्धारित से ज्यादा बार बिजली गुल होने की सूचना एसडीओ, एक्सईएन और एसई को भी जाएगी। बिजली घरों में लगे ब्रेकर की ट्रिपिंग की संख्या के आधार पर समय से ब्रेकर का मेंटिनेंस भी किया जा सकेगा। खास बात ये भी है कि बिजली कब गुल होगी, इसकी भी सटीक जानकारी उपभोक्ताओं को एसएमएस से मिल सकेगी।

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