
उत्तराखंड में अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और डाटा साझा करने की राह आसान होगी। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की एआई पॉलिसी और डाटा शेयरिंग पॉलिसी, एआई मिशन की आधिकारिक वेबसाइट और लोगो को राज्यपाल ने लांच किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिना तकनीकी समावेश, सतत विकास की परिकल्पना नहीं की जा सकती है।
बुधवार को राजभवन स्थित सभागार में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने उत्तराखंड एआई मिशन-2025 की दो नीतियों का ड्राॅफ्ट जारी किया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में तकनीक मुख्य भूमिका में है। कोई भी क्षेत्र आज तकनीक से अछूता नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र व राज्य सरकार ने भविष्य की इमर्जिंग तकनीक को आत्मसात करने का बीड़ा उठाया गया है। उत्तराखंड भी आधुनिक तकनीक अपनाकर लोगों की आशा, आकांक्षा और सपनों को साकार करना चाहता है।
राज्यपाल ने कहा, पीएम मोदी के 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का होने का सपना आधुनिक एआई पॉलिसी साकार करेगी। वर्तमान तकनीक से जुड़ीं कुछ चुनौतियां भी हैं, जैसे डिजिटल डिवाइडेड व स्वास्थ्य और नैतिकता से संबंधित जुड़े मुद्दे। उन्होंने कहा कि इस दिशा में शोध और अनुसंधान अलग-अलग समस्याओं के प्रभावी समाधान की ओर बढ़ रहे हैं। 2047 के विकसित भारत लक्ष्य प्राप्ति में यह अहम कदम होगा। इस दौरान सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, अपर सचिव रीना जोशी व आईटीडीए के निदेशक अपर सचिव आलोक कुमार पांडेय, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय सहित संबंधित अधिकारी, टेक इंडस्ट्री और तकनीकी संस्थानों से जुड़े मेंटर और स्टूडेंट उपस्थित थे।
पहाड़ की जरूरतों के हिसाब से नीति
सचिव सूचना प्रौद्योगिकी नितेश झा ने कहा कि इस पॉलिसी में केंद्र सरकार की एआई पॉलिसी का अनुसरण करने के साथ ही पहाड़ की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जिम्मेदार एआई उपयोग, नवाचार, अनुसंधान और कौशल विकास में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी राज्य बनेगा। टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज ने ग्लोबल डेवलपमेंट्स इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड देयर इंपैक्ट ऑन उत्तराखंड विषय पर जानकारी साझा की।
हैकॉथन उद्भव के विजेता व स्टार्टअप को मिला पुरस्कार
कार्यक्रम में आईटीडीए की ओर से आयोजित पहली बार 25 शिक्षण संस्थानों में हैकॉथन उद्भव हुआ, जिसमें 846 छात्रों ने हिस्सा लिया। इससे चुनी गई शीर्ष पांच संस्थानों टीएचडीसी इंस्टीट्यूट के हैश क्रू, आईआईटी रुड़की के डिजिटल ट्विन, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम संस्थान के अनलॉक एड, यूपीईएस के कार्बन ऐज और ग्राफिक एरा विवि के ग्रिड स्फेयर को राज्यपाल ने 50-50 हजार रुपये, मेडल, सर्टिफिकेट और टेबलेट देकर पुरस्कृत किया। इसके अलावा शीर्ष पांच स्टार्टअप ब्रिजिट, भूमिकैम, रिविज लैब्स, आई-रेजोनेट और विजी इंफोटेक को भी 50-50 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया।




