‘ऊर्जा क्षेत्र में होने वाले हैं कई बदलाव’, देश को आधार कार्ड देने वाले नंदन नीलेकणी का बड़ा दावा

इन्फोसिस के सह-संस्थापक और आधार के निर्माता नंदन नीलेकणी का मानना है कि भारत में ऊर्जा क्षेत्र में अगला बड़ा बदलाव होगा, जैसा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने देश के वित्तीय क्षेत्र में क्रांति ला दी है।
एक कार्यक्रम में उद्यमियों से बात करने के दौरान उन्होंने घरों में सोलर पैनल लगाने और लोगों को ऊर्जा के उत्पादन और उपभोग में भागीदार बनाने की बात की।
घरों में सोलर पैनल और EV बैटरियां
नीलेकणी ने कहा कि अब हम ऊर्जा को छोटे पैमाने पर खरीदते हैं, जैसे एलपीजी गैस सिलेंडर खरीदना, लेकिन बिजली हमेशा हम ग्रिड से ही लेते थे। लेकिन अब, हर घर सोलर पैनल लगाया जा सकता है और हर घर में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) की बैटरी होगी।
उन्होंने कहा, इसका मतलब यह है कि हर घर ऊर्जा का उत्पादक, विक्रेता और खरीदार बनेगा। यह बदलाव भारत में ऊर्जा क्षेत्र को डिजिटल पेमेंट्स की तरह बदलने की संभावना को जन्म देगा।
UPI की सफलता की कहानी
बता दें, UPI जो पिछले एक दशक में भारत के डिजिटल भुगतान प्रणाली का अहम हिस्सा बना है, अब देश में 80 प्रतिशत रिटेल भुगतान का हिस्सा है। इसकी उपयोग में आसानी और बैंकिंग नेटवर्क के बढ़ते विस्तार ने UPI को करोड़ों यूज़र्स के लिए प्राथमिक भुगतान का तरीका बना दिया है।
UPI की अंतरराष्ट्रीय सफलता
UPI की सफलता केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अब सात देशों में सक्रिय है। यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस जैसे देशों में भी UPI का उपयोग हो रहा है, जिससे भारतीय नागरिक अब अंतरराष्ट्रीय भुगतान भी कर सकते हैं।