ऊर्जा मंत्री के निर्देश के बाद भी चिनहट व गोमती नगर में बिजली व्यवस्था को लेकर काम शुरू नहीं हो सका..
अगर जल्द ही प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं मिली तो अगले साल गर्मी में उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। इसके तहत गोमती नगर में दो नए बिजली घर बनाने का प्रस्ताव भी भेजा गया है। एलडीए और बिजली विभाग द्वारा जमीन का पत्राचार जारी है।
लखनऊ, [अंशू दीक्षित]। ऊर्जा मंत्री के निर्देश के बाद भी लेसा ट्रांसगोमती के अंतर्गत आने वाले चिनहट व गोमती नगर खंड में बिजली व्यवस्था को लेकर काम शुरू नहीं हो सका है। मुख्य अभियंता ट्रांस गोमती ने दोनों खंडों में 174 करोड़ से अधिक का प्रस्ताव मध्यांचल एमडी को 10 अक्टूबर 2022 को भेजा था, लेकिन अभी तक इस मामले में कुछ खास प्रगति नहीं है। न ही बजट स्वीकृत किया गया है। बता दें कि ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा भी गोमतीनगर और चिनहट खंड को नो ट्रिपिंग जोन में लाने के लिए जरूरी निर्देश दे चुके हैं।
अगर जल्द ही प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं मिली तो अगले साल गर्मी में उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। इसके तहत गोमती नगर में दो नए बिजली घर बनाने का प्रस्ताव भी भेजा गया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण और बिजली विभाग द्वारा जमीन को लेकर पत्राचार सालों से जारी है। मुख्य अभियंता ने पत्रांक संख्या 4894 में ट्रिपिंग फ्री बिजली को लेकर पूरा प्रस्ताव बनाकर भेजा था। गोमती नगर व चिनहट के अधिशासी अभियंताओं से प्रस्ताव लिया गया था, प्रस्ताव में नए ब्रेकर, ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि, नए ट्रांसफार्मर सहित कई बिजली से जुड़े कार्य होने हैं। हालांकि, सूत्रों की मानें तो बहुत जल्द प्रस्ताव को हरी झंडी मिल सकती है।
गोमती नगर में जो एस्टीमेट बनाया गया था, वह करीब 143.02 करोड़ था और जो चिनहट खंड में 31.05 करोड़ का प्र्स्ताव बनाकर भेजा गया था। प्रस्ताव अभी मध्यांचल की फाइलों में दबा पड़ा है। वहीं मध्यांचल एमडी ने बताया कि जरूरी सभी काम कराए जाएंगे। पावर कारपोरेशन ने मध्यांचल के अंतर्गत आने वाले 19 जिलों के लिए 250 करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए देने की बात कही है। हालांकि यह राशि ऊंट के मुंह में जीरे के सामान है। क्योंकि राजधानी लखनऊ के 26 खंडों में ही यह राशि कम पड़ जाएगी। क्योंकि गोमती नगर व चिनहट खंड में ही 174 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।
उत्तर प्रदेश पावर कारपाेरेशन द्वारा पूरे मध्यांचल के लिए 250 करोड़ के बजट के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। जो जरूरी काम हैं, उन्हें प्राथमिकता पर कराया जाएगा।