जीवनशैली

एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस के कारण जा सकती हैं 3.85 करोड़ लोगों की जान

एंटीबायोटिक दवाओं के दुरुपयोग और ज्यादा इस्तेमाल के कारण उत्पन्न एंटीबायोटिक- रेजिस्टेंट बैक्टीरिया, जिन्हें सुपरबग कहा जाता है, वैश्विक स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती बनते जा रहे हैं | थिंक टैंक सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट द्वारा किए गए एक अध्ययन एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति बढ़ते प्रतिरोध के कारण 2050 तक तीन करोड़ से अधिक लोगों की मृत्यु हो सकती है।

एंटीबायोटिक प्रतिरोध तब होता है जब बैक्टीरिया उन एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं जिनका इस्तेमाल उनके इलाज के लिए किया जाता था। इससे कुछ जीवाणु संक्रमणों का इलाज मुश्किल हो जाता है।

दोगुना महंगा इलाज
अध्ययन में बताया गया है कि एंटीबायोटिक- प्रतिरोधी बैक्टीरिया अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि कर सकते हैं। प्रतिरोधी संक्रमणों का इलाज उन संक्रमणों की तुलना में लगभग दोगुना महंगा है जिनके लिए एंटीबायोटिक्स प्रभावी हैं। इससे न केवल मृत्युदर बल्कि उपचार की लागत भी बढ़ सकती है।

निम्न व मध्यम आय वाले देशों पर प्रभाव अधिक
इसका प्रभाव विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अधिक स्पष्ट दिखेगा। इन देशों में संक्रमण की दर और एंटीबायोटिक दवाओं पर निर्भरता ज्यादा और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सीमित है।

मौतों में 60 प्रतिशत की वृद्धि
एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) के आर्थिक बोझ का अनुमान लगाने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया गया है। स्वास्थ्य बोझ के अनुमान इंस्टीट्यूट फार हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (आइएचएमई) से लिए गए हैं जो बताते हैं कि 2050 तक एएमआर से होने वाली मौतें 60 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

आइएचएमई के स्वास्थ्य बोझ अनुमानों के अनुसार, यदि प्रतिरोध 1990 के बाद के रुझानों का अनुसरण करता है तो एएमआर के कारण 2025 2050 के बीच 3.85 करोड़ मौतें हो सकती हैं। वहीं एएमआर की प्रत्यक्ष स्वास्थ्य देखभाल लागत वर्तमान में 66 अरब डालर प्रति वर्ष से बढ़कर 2050 तक 159 अरब डालर प्रति वर्ष हो सकती है।

इसलिए यह बेहद जरूरी है कि बिना डॉक्टर से पूछे कभी भी एंटीबायोटिक्स नहीं लेने चाहिए। ऐसा लगता है कि खुद से एंटीबायोटिक दवाएं लेने से कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन इस स्टडी में सामने आई बातें कुछ और ही इशारा कर रही हैं। इसलिए जरूरी है कि किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से पूछकर एंटीबायोटिक्स लें और उसकी डोज पूरी करना भी बेहद जरूरी है।

Related Articles

Back to top button