एमपी में ठंड से थोड़ी राहत, अब घने कोहरे की मार

मध्यप्रदेश में अगले पांच दिनों तक कड़ाके की ठंड और शीतलहर से राहत मिलेगी, हालांकि सुबह के वक्त गहरा कोहरा लोगों की परेशानी बढ़ाएगा। विशेषज्ञों ने कोहरे में वाहन चलाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है। उधर, मौसम विभाग ने सेहत और खेती से जुड़ी एडवाइजरी भी जारी की है।
लगातार 15 दिनों तक शीतलहर महसूस की गई
6 नवंबर से प्रदेश में ठिठुरन का दौर शुरू हुआ था। आमतौर पर नवंबर के अंतिम हिस्से में ठंड तेज होती है, लेकिन इस बार हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में जल्दी बर्फबारी होने से ठंडी हवाएं सीधे एमपी पहुंचीं। इसका असर इतना बढ़ा कि भोपाल में लगातार 15 दिनों तक शीतलहर महसूस की गई। शनिवार रात शहर पर कोहरे की चादर भी छाई रही। रिकॉर्ड के मुताबिक 1931 के बाद यह शीतलहर के सबसे ज्यादा दिन रहे। वहीं, तापमान 5.2 डिग्री तक गिर गया, जो समग्र रिकॉर्ड भी माना गया। इंदौर में भी 25 साल का रिकॉर्ड टूटा।
भोपाल-इंदौर सहित कई शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे
बीते दो दिनों से ठंड में थोड़ी कमी आई है, लेकिन कई शहरों में रात का तापमान अब भी 10 डिग्री से कम बना हुआ है।शुक्रवार-शनिवार की रात भोपाल और इंदौर में न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री दर्ज किया गया। पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा, जहां पारा 6.2 डिग्री तक पहुंच गया। राजगढ़ 8.2, खरगोन 8.6, नौगांव 8.8 और नरसिंहपुर 9.4 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन का कहना है कि हवाओं की दिशा बदलने से तापमान में बढ़ोतरी दिख रही है। आने वाले पांच दिनों तक कहीं भी शीतलहर का पूर्वानुमान नहीं है।
कोहरे की मार कई जगह 100 मीटर आगे देखना भी मुश्किल
ठंड कम होते ही अब कोहरा परेशान करने लगा है। कई इलाकों में दृश्यता इतनी कम रही कि 100 मीटर के बाद कुछ दिखाई ही नहीं दिया। शाजापुर, अकोदिया और शुजालपुर में सुबह का कोहरा घना था, जिससे गाड़ियों को हेडलाइट और फॉग लाइट जलाकर चलाना पड़ा। भोपाल, दतिया, इंदौर और जबलपुर में दृश्यता करीब 1,000 मीटर रही, जबकि गुना, ग्वालियर, सतना, रीवा और खजुराहो में यह 500 से 1,000 मीटर के बीच दर्ज की गई।




