
इसके लिए झड़ोदा कलां स्थित दिल्ली पुलिस अकादमी में एम्स सुरक्षाकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। पहले बैच में 30 स्थायी सुरक्षा जवानों को यह प्रशिक्षण मिला है।
एम्स दिल्ली के सुरक्षाकर्मी दिल्ली पुलिस की तरह सुरक्षा व्यवस्था संभालते दिखेंगे। इसके लिए झड़ोदा कलां स्थित दिल्ली पुलिस अकादमी में एम्स सुरक्षाकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। पहले बैच में 30 स्थायी सुरक्षा जवानों को यह प्रशिक्षण मिला है।
एम्स के इन सुरक्षा कर्मियों को सुरक्षा कौशल, निगरानी तकनीक, आगंतुक प्रबंधन, संघर्ष निवारण तकनीक, भीड़ नियंत्रण, कतार प्रबंधन, अग्नि सुरक्षा और निकासी प्रक्रिया, आपदा प्रबंधन, चिकित्सा आपातकालीन सहायता, आतंकवादी खतरे के बारे में जागरूकता, अस्पताल-विशिष्ट प्रोटोकॉल, संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा, वीवीआईपी गतिविधियों को संभालने और मरीजों की रक्षा के कर्तव्य का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
इस प्रशिक्षण में सुरक्षा कर्मियों को नैतिक आचरण और सत्यनिष्ठा, लैंगिक संवेदनशीलता और उत्पीड़न विरोधी, मरीज सेवा शिष्टाचार, टीमवर्क और अनुशासन, घटना रिपोर्ट लेखन के बारे में भी सिखाया गया है। सुरक्षकर्मियों को सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने, स्थानीय अधिकारियों और अस्पताल निकाय के महत्वपूर्ण आपातकालीन फोन नंबर, विभिन्न समूहों के प्रति सुरक्षा गार्ड का व्यवहार, कानूनी एवं नैतिक प्रशिक्षण और अधिनियम जैसे विविध विषयों पर गहन सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था होगी मजबूत
एम्स का मानना है कि इस प्रशिक्षण से एम्स सुरक्षा जवानों की कार्यक्षमता, अनुशासन, आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया और कानून व्यवस्था में समझ को और भी बेहतर बनाने में मदद मिली है। इसके अलावा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को विशेष महत्व दिया गया ताकि एम्स के सुरक्षा जवान हर परिस्थिति में सक्षम बने रहें। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य संस्थान की सुरक्षा व्यवस्था को और भी सुदृढ़ बनाना है। जिससे रोजाना आने वाले डॉक्टर, मरीजों, आगंतुकों और एम्स कर्मचारियों की सुरक्षा बेहतर हो सकें।
वहीं, प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सुरक्षाकर्मियों को एम्स निदेशक प्रो. एम श्रीनिवास और मुख्य सुरक्षा अधिकारी सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने बधाई देते हुए अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को और भी बेहतर बनाने के लिए प्रेरित किया। एम्स का मानना है कि सुरक्षा की दृष्टि से एम्स में यह एक बहुत ही ऐतिहासिक कदम साबित होगा।