एशिया और यूरोप के कई देशों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए ,अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को खोलने को लेकर सरकार हुई सतर्क
यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को पूरी तरह से खोलने को लेकर पूरी तरह सतर्क है। सरकार ने 24 मार्च से सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को खोलने का ऐलान किया है। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक उच्च स्तरीय बैठक में हालात की समीक्षा की।
दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप के कई देशों में तेजी से बढ़ रहा है कोरोना का संक्रमण
दरअसल, चीन, दक्षिण कोरिया, जापान और पूर्वी एशिया के अन्य देशों के साथ-साथ यूरोप के कई देशों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण की स्थिति भले ही पिछले 22 महीनों में सबसे बेहतर स्थिति में है और इसमें लगातार गिरावट देखी जा रही है। लेकिन अन्य देशों में संक्रमण का तेजी से बढ़ना चिंता का कारण है।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने उच्च स्तरीय बैठक में की समीक्षा
बुधवार की समीक्षा बैठक में भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन, नीति आयोग के सदस्य डाक्टर वीके पाल, आइसीएमआर के महानिदेशक डाक्टर बलराम भार्गव, एम्स दिल्ली के निदेशक डाक्टर रणदीप गुलेरिया, नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक एसके सिंह, नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप आन इम्यूनाइजेश के प्रमुख डाक्टर एनके अरोड़ा और स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक लगभग डेढ़ घंटे तक चली।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर विस्तृत प्रजेंटेशन
बैठक में देश में कोरोना संक्रमण के साथ-साथ टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की गई। इसके साथ ही विदेशों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर विस्तृत प्रजेंटेशन भी किया गया। अधिकारियों का कहना था कि अन्य देशों में बढ़ते संक्रमण के बावजूद देश में हालात सामान्य हैं और सक्रिय मामलों, प्रतिदिन नए मामलों और संक्रमण दर 22 महीने में सबसे निचले स्तर पर है। लेकिन अन्य देशों में बढ़ता संक्रमण चिंता का विषय है।
उच्च स्तर पर सतर्कता बरतने का निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने अधिकारियों को कोरोना संक्रमण को लेकर उच्च स्तर पर सतर्कता बरतने का निर्देश दिया, ताकि कहीं भी कोरोना के संक्रमण बढ़ने की स्थिति में उसे रोकने के लिए तत्काल उठाए जा सकें। इसके साथ ही उन्होंने जिनोम सिक्वेंसिंग को बढ़ाने का निर्देश दिया। उनके अनुसार राज्यों से नियमित तौर पर सैंपल लेबोरेटरी में भेजना सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि कोरोना के नए वैरिएंट के बारे में तत्काल पता चला सके।