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ओडिशा पंचायत चुनाव से पहले पंचायतों और प्रखंडों का होगा पुनर्गठन

2027 में पंचायत चुनाव होंगे। उससे पहले राज्य में मौजूद पंचायतों और प्रखंडों का पुनर्गठन किया जाएगा।इसके साथ ही घर–घर जाकर कर्मचारी राज्य में त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करेंगे। प्रत्येक गांव में हाट (साप्ताहिक बाजार) बनाया जाएगा।

हर पंचायत में कल्याण मंडप स्थापित होगा। शहरों की तरह अब गांव की सड़कों पर भी रात में रोशनी (सौर स्ट्रीट लाइटिंग) की व्यवस्था होगी। 500 ग्राम पंचायतों में 35 लाख रुपये की लागत से नए घर बनाए जाएंगे, यह जानकारी पंचायतीराज एवं पेयजल मंत्री रवी नारायण नायक ने दी।

योजनाएं लोगों तक नहीं पहुंच पाई
शुक्रवार अपराह्न में पंचायती राज और पेयजल विभाग की अतिरिक्त व्यय मांगों पर चर्चा के दौरान विपक्षी बीजेडी और कांग्रेस सदस्यों ने विभिन्न प्रश्न उठाए थे। जिनका उत्तर देते हुए मंत्री नायक ने कहा कि सरकार की कई योजनाएं लोगों तक पहुंच नहीं पाई हैं। इसलिए लोग रोजगार के लिए बाहरी राज्यों को जा रहे हैं।

हमारी सरकार आने के बाद दादन (माइग्रेशन) रोकने के लिए उपमुख्यमंत्री कनकवर्धन सिंहदेव और मेरे नेतृत्व में दो टीम बनाई गई है। हमने विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर पता लगाया कि योजनाएं लोगों तक नहीं पहुंच पाई हैं।

मनरेगा में 300 दिन का काम
इसी कारण अब दादन (माइग्रेशन) क्षेत्रों के श्रमिकों को मनरेगा में 300 दिन का काम दिया जाएगा।यह सिर्फ इस वर्ष के लिए नहीं, बल्कि 2029 तक लागू रहेगा। पहले 100 दिनों के लिए मनरेगा में दादन क्षेत्र के श्रमिकों को 98 रुपये का अतिरिक्त टॉप-अप दिया जाएगा।उन्हें पीएम किसान, सीएम किसान सहायता भी मिलेगा।

मुर्गी पालन, कामधेनु योजना के तहत गाय पालने के लिए सहायता दी जाएगी। उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए हर तरह के कदम उठाए जाएंगे। 2027 तक सभी मेगा पेयजल परियोजनाओं का काम पूरा हो जाएगा।

गाड़ी रखने वाले लोगों को पीएम आवास दिया गया
मंत्री नायक ने आगे कहा कि पूर्व सरकार में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कई योग्य लोगों को घर नहीं मिला। जबकि पक्का घर और गाड़ी रखने वाले लोगों को पीएम आवास दिया गया। इसके अलावा बहुत से गरीब लोग जो किसी भी योजना के तहत घर नहीं पा सके, उन्हें अंत्योदय गृह योजना के तहत 5 लाख लोगों को घर दिए जाएंगे।

उन्होंने 353 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यय मांग को भी पारित करने का अनुरोध किया। बाद में अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने वाचनिक मतदान के आधार पर इसे पारित किया।

दूसरी ओर, मंत्री के उत्तर से पहले बीजेडी के वरिष्ठ विधायक अरुण साहू ने अतिरिक्त व्यय मांगों पर चर्चा की शुरुआत की। अरुण ने कहा कि सरकार ने कहा था कि पल्लीसभा कर काम बांटे जाएंगे।

ग्रामसभा कहां गायब हो गई?
ग्रामसभा में विभिन्न परियोजनाएं आएंगी। लेकिन ग्रामसभा कहां गायब हो गई? पीएम आवास में घर मिलेगा और रेत-गिट्टी मुफ्त देंगे, ऐसा कहा गया था। लेकिन रेत माफियाओं के आगे सरकार यदि झुक जाएगी तो गरीबों को रेत कैसे मिलेगी? उन्होंने नाराज़गी व्यक्त की। मेगा पेयजल परियोजनाओं में अनियमितताओं की बात सरकार कह रही है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। “अनियमितता जानकर भी चुप रहना अपराध है।

कांग्रेस विधायक अशोक दास ने कहा कि दाना तूफान (चक्रवात) से हुए नुकसान की भरपाई नहीं मिली। गांवों में काम ठीक ढंग से नहीं हो रहा।अधिकारी लोगों को परेशान कर रहे हैं। कई ब्लॉकों में समिति बैठकें भी नहीं हो रही। पेयजल परियोजना में यदि किसी ने भ्रष्टाचार किया है तो दंड दीजिए।

पानी की टंकियों से पानी नहीं
बीजेपी विधायक सनातन बिजुली ने कहा कि पूर्व सरकार लोगों को स्वच्छ पेयजल नहीं दे पाई, इसलिए वह सत्ता से गई। बसुधा योजना के तहत बने पानी की टंकियों से पानी नहीं आ रहा था। अब हमारे मंत्री जिलों में जाकर स्थिति की जांच कर काम आगे बढ़ा रहे हैं।यह बिल एक ऐतिहासिक (युगांतरकारी) बिल है।

अन्य प्रतिभागियों में बीजेडी विधायक सुबासिनी जेना, गौतम बुद्ध दास, अरविंद महापात्र, कांग्रेस विधायक मंगू खिल, पवित्र सांउता, बीजेपी विधायक जलेन नायक, सुदर्शन हरिपाल, मानस दत्त, अशोक महांती, विभूति भूषण प्रधान आदि ने चर्चा में भाग लिया।

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