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ओडिशा में कड़ाके की ठंड का कहर

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार सुबह 5:30 बजे झारसुगुडा में तापमान 8.6 डिसे दर्ज किया गया, जबकि कंधमाल और कोरापुट के कई हिस्सों में तापमान 5 डिसे के करीब पहुंच गया—जो इस सीजन की सबसे कड़ी ठंड में से एक है।

राजधानी भुवनेश्वर में भी सर्दी लगातार बढ़ रही है। यहां सुबह 5:30 बजे तापमान 13 डिसे दर्ज किया गया, जो पिछले दस दिनों में 9.6 डिग्री सेल्सियस की बड़ी गिरावट दर्शाता है। डेटा में यह भी कहा गया कि ओडिशा के कम से कम दस शहरों और कस्बों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहा।

दो और दिनों तक कड़ाके की ठंड
आईएमडी ने कहा कि वर्तमान मौसम स्थिति अगले 48 घंटे तक बनी रह सकती है। सुबह और देर शाम के समय घना कोहरा और उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं जारी रहेंगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, पूर्वी भारत पर प्रभाव डाल रही क्षेत्रीय मौसमी परिस्थितियों के कारण इस हफ्ते ठंड का यह पैटर्न बना हुआ है।

विभाग के विस्तारित पूर्वानुमान के अनुसार, 12 दिसंबर तक राज्य में सर्दी की तीव्रता बनी रहेगी और आंतरिक जिलों में तापमान और गिर सकता है।

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस से बदल सकता है तापमान
आईएमडी ने बताया कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र पर 13 दिसंबर से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके मैदानी क्षेत्रों से टकराने के बाद ओडिशा में न्यूनतम तापमान में बदलाव देखा जा सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि बादलों की आवाजाही और हवा की दिशा में बदलाव के कारण अगले दो दिनों बाद ठंड में थोड़ा असर कम हो सकता है। हालांकि कुल मिलाकर सर्दी अभी खत्म होने से काफी दूर है और महीने में आगे और ठंड के दौर आ सकते हैं।

ठंड के असर से सामान्य जीवन प्रभावित
तापमान में गिरावट से कई जिलों में जनजीवन प्रभावित होने लगा है। फुलबनी, बणई, कोईदा और अन्य ऊंचाई वाले इलाकों से मिले फील्ड रिपोर्ट बताते हैं कि सुबह-सुबह गतिविधियां कम हो गई हैं, सड़क यातायात धीमा है और ठंडी हवाओं से बचने के लिए लोग देर तक घरों में रह रहे हैं।

बाजार, बस स्टैंड और खुले कार्यस्थल बुधवार शाम और गुरुवार की सुबह को लगभग सुनसान नजर आए, जबकि कई मोहल्लों में सूर्यास्त के बाद ही सन्नाटा छा गया।

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