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ओडिशा में नक्सलियों का लगभग सफाया, बीएसएफ का दावा- अब सिर्फ 60-70 ही सक्रिय

बीएसएफ आईजी (फ्रंटियर मुख्यालय, विशेष अभियान) सीडी अग्रवाल ने बताया कि यहां सक्रिय नक्सलियों में केवल सात मूलत: ओडिशा के हैं और वे भी किसी तरह की नेतृत्वकारी भूमिका में नहीं रह गए हैं। बाकी पड़ोसी राज्यों के हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कई मौकों पर मार्च 2026 तक नक्सलवाद के सफाये की प्रतिबद्धता जताते रहे हैं। इस बीच, ओडिशा में प्रतिबंधित माओवादी संगठनों की गतिविधियां बेहद सीमित हो जाने की जानकारी सामने आई है। बीएसएफ के एक अधिकारी के मुताबिक, राज्य में अब सिर्फ 60-70 नक्सली ही सक्रिय हैं, और उनमें से अधिकांश पड़ोसी राज्यों आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के हैं।

सीडी अग्रवाल ने दी जानकारी
बीएसएफ आईजी (फ्रंटियर मुख्यालय, विशेष अभियान) सीडी अग्रवाल ने बताया कि यहां सक्रिय नक्सलियों में केवल सात मूलत: ओडिशा के हैं और वे भी किसी तरह की नेतृत्वकारी भूमिका में नहीं रह गए हैं। बाकी पड़ोसी राज्यों के हैं। लेकिन उनकी सक्रियता भी सात जिलों कालाहांडी, कंधमाल, बोलांगीर, मलकानगिरी, नबरंगपुर, नुआपाड़ा और रायगढ़ तक सीमित रह गई हैं।

इसके साथ ही अग्रवाल ने कहा कि यद्यपि नक्सलवाद पर लगाम की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है लेकिन चुनौतियां भी बरकरार हैं, खासकर कालाहांडी, कंधमाल और बौध के घने जंगलों में आईईडी धमाके किए जाने का खतरा बना रहता है। ओडिशा में 2010 में पहली बार तैनाती के बाद से बीएसएफ के 14 जवान बलिदान हो चुके हैं।

खतरनाक इलाकों में चलाए अभियान
बीएसएफ आईजी ने बताया कि नक्सली हिंसा चरम पर होने के दौरान ओडिशा में तैनात किए गए इस बल ने कुछ सबसे खतरनाक इलाकों में अभियान चलाए हैं और अब तक 250-300 नक्सलियों को मार गिराया है। उन्होंने बताया कि 2024 में तीन खूंखार नक्सली मारे गए और 24 कट्टर कैडरों ने आत्मसमर्पण किया।

कांकेर में आठ आईईडी बरामद
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की लगाई आठ आईईडी बरामद की हैं। बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया, कोयलीबेड़ा के अटखड़ियापारा गांव के पास बरामद आईईडी का वजन दो से तीन किलोग्राम तक है। विस्फोटकों को सात स्टील के टिफिन और एक प्रेशर कुकर में भरकर रखा गया था। नक्सली सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाना चाहते थे, लेकिन इस बरामदगी से बड़ी वारदात बच गई।

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