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ओडिशा सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

ओडिशा पुलिस की सीआईडी-क्राइम ब्रांच ने सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी और कथित मास्टरमाइंड शंकर प्रुष्टि को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार कर लिया है। एक महीने से फरार चल रहे प्रुष्टि को उत्तराखंड पुलिस की मदद से पकड़ा गया और रविवार सुबह ट्रांजिट रिमांड पर भुवनेश्वर लाया गया। यह गिरफ्तारी ओडिशा के सबसे बड़े भर्ती घोटालों में से एक में बड़ी सफलता मानी जा रही है।

सीआईडी की जांच में सामने आया कि शंकर प्रुष्टि पंचसॉफ्ट टेक्नोलॉजीज नाम की कंपनी का मालिक है, जिसे पुलिस में 933 सब-इंस्पेक्टर पदों की लिखित परीक्षा आयोजित करने का ठेका दिया गया था। इस कंपनी पर परीक्षा प्रक्रिया में धांधली का आरोप है। पुलिस के अनुसार, यह मल्टी-करोड़ घोटाला कई स्तरों पर फैला था और अब तक 124 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 114 अभ्यर्थी भी शामिल हैं जिन्हें दो दिन पहले ही जमानत मिली है।

कई राज्यों में फैला जाल

पुलिस का कहना है कि शंकर प्रुष्टि लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था और सीआईडी की एक विशेष टीम उसकी तलाश में लगी थी। डीएसपी अनीला आनंद के नेतृत्व में बनी टीम ने ट्रैकिंग के जरिए उसे नेपाल सीमा के पास दबोच लिया। बताया गया कि इस परीक्षा को ओडिशा पुलिस रिक्रूटमेंट बोर्ड (OPRB) ने पीएसयू आईटीआई लिमिटेड को सौंपा था, जिसने आगे सिलिकॉन टेकलैब को सब-कॉन्ट्रैक्ट दिया, और फिर प्रुष्टि की कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

रैकेट से करोड़ों रुपये की वसूली

इस घोटाले में शामिल अभ्यर्थियों से प्रत्येक से ₹10 लाख की वसूली की गई थी और नौकरी लगने के बाद ₹25 लाख अतिरिक्त मांगे जाने थे। 29 सितंबर की रात ओडिशा-आंध्र सीमा पर 114 अभ्यर्थियों और तीन दलालों को तब पकड़ा गया जब वे ‘स्पेशल कोचिंग’ के नाम पर विजयनगरम जा रहे थे। पूछताछ में पता चला कि यह पूरा नेटवर्क ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में फैला हुआ है।

सीबीआई जांच की सिफारिश

प्रुष्टि को दिल्ली से फ्लाइट द्वारा भुवनेश्वर लाकर कटक स्थित क्राइम ब्रांच मुख्यालय में पूछताछ के लिए रखा गया है। एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में उसने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि उसने न्याय के लिए ओडिशा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है। वहीं राज्य सरकार ने इस मामले में अंतरराज्यीय गिरोहों की संलिप्तता देखते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की है। परीक्षा 5 और 6 अक्टूबर को होनी थी, लेकिन अनियमितताओं के सामने आने के बाद स्थगित कर दी गई।

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